नेपाल से तीन पाकिस्तानी आतंकियों के घुसने की आशंका, बिहार में बॉर्डर पर हाई अलर्ट

नेपाल के रास्ते आतंकियों के घुसने की आशंका (प्रतीकात्मक तस्वीर/ साभार: newindianexpress)

सुरक्षा एजेंसियों ने 3 पाक आतंकियों के नेपाल के रास्ते भारत में घुसने की सूचना दी है। इसके बाद बिहार में नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया गया है। पूर्वी चंपारण के रक्‍सौल तथा सीतामढ़ी के बैरगनिया के पास सीमा पर चौकसी विशेष तौर पर बढ़ा दी गई है।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताब़िक इसके मद्देनजर इंडो-नेपाल बॉर्डर पर विशेष सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं। वहीं सीतामढ़ी के एसपी अनिल कुमार ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण सीमा सील है। पूर्व से सुरक्षा सख्त है। ग्रामीण क्षेत्र के रास्तों पर सशस्त्र सीमा बल ( एसएसबी) के जवान तैनात हैं। सीमावर्ती थानों को सुरक्षा एजेंसियों से समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। 

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों खबर आई थी कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी के कारण अब ISI नेपाल के जरिए जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की साजिश रच रही है। बताया गया था कि अब आतंकियों को नेपाल में मौजूद स्लीपर सेल के जरिए भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले के निर्देश दिए जा रहे हैं।

वहीं राम मंदिर पर फैसला आने से तकरीबन 10 दिन पहले खबर आई थी कि अयोध्या में बड़े आतंकी हमले की साजिश रची जा रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का एक जत्था घुस गया था, जो राम मंदिर मामले के बीच दहशत फैलाना चाहता था।

बताया गया कि नेपाल के रास्ते 7 आतंकवादी उत्तर प्रदेश में घुस चुके थे। ख़ुफ़िया सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा था कि ये सभी पाकिस्तानी आतंकवादी थे, जिन्हें अयोध्या में आतंक फैलाने के लिए भेजा गया था। सात में से पाँच आतंकियों की पहचान भी हो गई थी। पहचाने गए आतंकियों के नाम मोहम्मद याकूब, अबू हमजा, मोहम्मद शाहबाज, निसार अहमद और मोहम्मद कौमी चौधरी थे।

इसके अलावा पाकिस्तान, नेपाल के सहारे भारत में कोरोना फैलाने की भी साजिश रच रहा था। इसका पूरा प्लान जालिम मुखिया ने तैयार किया था, जो हथियारों का तस्कर होने के साथ ही नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी की राजनीति में भी सक्रिय था। जालिम की योजना भारत में नेपाल की सीमा से कोरोना पॉजिटिव लोगों की एंट्री कराने की थी। इसके लिए करीब तीन सौ लोग नेपाल के चंदनबसरा तथा खैरवा की मस्जिद और मदरसे में जमा किए गए थे। इनमें कुछ भारतीय थे, तो कुछ पाकिस्तानी थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया