ग्लासगो गुरुद्वारे ने खालिस्तानियों की खोली पोल, भारतीय उच्चायुक्त के बाद वहाँ के सिखों को कर रहे थे परेशान: फिरंगी मंत्री ने जताई चिंता

3 खालिस्तानियों ने भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारे में जाने से रोका था (चित्र साभार: बीबीसी)

स्कॉटलैंड के ग्लासगो गुरुद्वारा ने एक सार्वजनिक बयान जारी करके भारत के ब्रिटेन में उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी को अन्दर घुसने से रोके जाने की निंदा की है। 29 सितम्बर को दुरईस्वामी को इस गुरूद्वारे में जाने से कुछ खालिस्तानियों ने रोका था।

गुरुद्वारे ने बयान जारी करके कहा है कि 29 सितम्बर को भारतीय उच्चायुक्त ग्लासगो गुरूद्वारे में स्कॉटलैंड के एक सासंद के आमंत्रण पर आए थे। इस दौरान ग्लासगो इलाके से बाहर के कुछ शरारती तत्वों ने उनके सामने बाधाएँ उत्पन्न की और उन्हें गुरूद्वारे में प्रवेश करने से रोका, जिसके कारण उच्चायुक्त ने गुरूद्वारे में ना जाने का निर्णय लिया।

गुरुद्वारे ने कहा कि उच्चायुक्त के जाने के बाद भी खालिस्तानी लोग गुरुद्वारे के स्टाफ को परेशान करते रहे। ग्लासगो पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लिया है। ग्लासगो गुरुद्वारा सिख धार्मिक स्थल पर इन तत्वों के आचरण की निंदा करता है। गुरुद्वारा सभी समुदायों से आने वाले लोगों का स्वागत करता है।

इस मामले पर लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने भी कल बयान जारी किया था। उच्चायोग ने कहा था कि गुरूद्वारे में उच्चायुक्त और काउंसलर जनरल को गुरुद्वारा कमिटी द्वारा आमंत्रित किया गया था ताकि स्कॉटलैंड में रहने वाले सिखों को वीजा/पासपोर्ट से सम्बंधित समस्याओं का निदान किया जा सके।

आगे उच्चायोग ने कहा कि इसी दौरान स्कॉटलैंड से बाहर के तीन व्यक्तियों ने उच्चायुक्त और काउंसलर जनरल की इस यात्रा में खलल डाला। इनमें से एक ने उच्चायुक्त की गाड़ी के दरवाजे को खोलने की कोशिश की। एक ने भारतीय उच्चायुक्त और काउंसलर जनरल को धमकाया गया और गालियाँ दी गई। हालाँकि गुरुद्वारा प्रबन्धन के व्यक्तियों द्वारा उस व्यक्ति को हटा लिया गया, जिससे कोई बड़ी दुर्घटना होने से रोकी जा सकी।

भारतीय उच्चयोग ने इस मामले को ब्रिटेन की पुलिस के संज्ञान में लाया है। इस मामले पर ब्रिटेन की विदेश और कामनवेल्थ मामलों की मंत्री ऐनी मेरी ने भी चिंता जताई है। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा है कि हम ग्लासगो घटना से चिंतित हैं और राजनयिकों की सुरक्षा हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

हुआ यह कि उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी जब अल्बर्ट ड्राइव पर स्थित ग्लासगो गुरुद्वारा के पास पहुँचे तो कट्टरपंथी ब्रिटिश खालिस्तानियों के एक समूह ने घेर लिया। इस दौरान उन्होंने ‘आपका स्वागत नहीं है (You are not welcome) के नारे लगाए। कुछ देर रुकने के बाद दुरईस्वामी वहाँ से चले गए।

खालिस्तानियों में से एक का कहना था, “मुझे नहीं लगता कि जो कुछ हुआ, उससे गुरुद्वारा समिति बहुत खुश है। हालाँकि, ब्रिटेन के किसी भी गुरुद्वारे में भारतीय अधिकारियों का स्वागत नहीं है।” उसने आगे कहा, “हम यूके-भारत की मिलीभगत से तंग आ चुके हैं। हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से हालिया तनाव के कारण ब्रिटिश सिखों को निशाना बनाया जा रहा है। अवतार सिंह खंडा और जगतार सिंह जोहल के साथ भी ऐसा ही हुआ है।”

आपको बता दें कि इससे पहले भी ब्रिटेन में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर चिताएँ जताई जाती रही हैं। इसी वर्ष मार्च में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानियों ने हमला किया था और तिरंगा फाड़ने का प्रयास किया था। लंदन पुलिस ने इस मामले पर कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं की। इसके बाद भारत ने अपना असंतोष जाहिर करने के लिए नई दिल्ली स्थिति ब्रिटेन के दूतावास के बाहर से सुरक्षा हटा ली थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया