‘बांग्लादेश को बनाएँगे तालिबान स्टेट’: हिफाजत-ए-इस्लाम के गिरफ्तार कट्टरपंथी नेताओं से हुआ खुलासा

बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन ने स्वीकार किया है कि उनका उद्देश्य बांग्लादेश को तालिबान स्टेट बनाना है।

बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम के नेता मैनुउल हक और अन्य नेताओं ने स्वीकार किया है कि वो सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश को अफगानिस्तान की तरह एक तालिबान स्टेट में बदल देना चाहते हैं।

हक को पिछले हफ्ते ही ढाका पुलिस ने हिंसा भड़काने, हत्या के प्रयास और हमला करके तोड़फोड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। हक ने अन्य नेताओं के साथ मिलकर एक संगठन ‘रैबेतातुल वैजिन बांग्लादेश’ बनाया था जिसका उद्देश्य है सरकार को सत्ता से हटा कर तालिबान स्टेट स्थापित करना।  

इस्लामिक शक्तियों, कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों जैसे हिफाजत-ए-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी से फंड लेने वाले हक के संगठन द्वारा ‘वाज़ महफ़िल’ का आयोजन किया जाता रहा है जिनके माध्यम से इस्लाम के प्रचार-प्रसार के नाम पर उग्रवाद को बढ़ावा दिया जाता रहा है। हक और उसका संगठन पाकिस्तान से भी उग्रवादी नेताओं को वक्ता के तौर पर बुलाता रहता है।

गिरफ्तार किए गए कई नेताओं ने बताया कि वो मदरसा के छात्रों का उपयोग सरकारी संपत्ति को नष्ट करने में करते हैं। उनके अनुसार हिफाजत-ए-इस्लाम ही वह प्रभावशाली मंच है जो बांग्लादेश में आवामी लीग को सत्ता से बेदखल कर सकता है।

मैनुउल हक के अलावा हिफाजत-ए-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी के 14 अन्य नेता गिरफ्तार किए गए हैं। इन सभी को पिछले कई सालों में और इस साल मार्च में हुई हिंसाओं के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुरान और हदीस की जानकारी रखने वाले अधिकारियों की तीन जाँच टीमें बनाई गई हैं जो इन नेताओं से पूछताछ कर सकें।

इन कट्टरपंथी इस्लामिक नेताओं द्वारा 2013 में और अब इसी साल मार्च में बांग्लादेश की शेख हसीना की सरकार के विरुद्ध षड्यंत्र करने का काम किया था। यही जानकारी ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा के संयुक्त आयुक्त महबूब आलम ने भी न्यूज एजेंसी IANS को दी।  

मैनुउल हक की गिरफ्तारी :

हिरासत में लिया गया मैनुउल हक कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम का संयुक्त सचिव है। हक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान हिन्दू विरोधी हिंसा भड़काने का आरोप है।

26-28 मार्च के दौरान बांग्लादेश में हुई हिंसा में शामिल लगभग 300 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। हिफाजत-ए-इस्लाम जुनैद बाबूनगरी ने एक वीडियो संदेश जारी करके मैनुउल हक और हिफाजत-ए-इस्लाम के सचिव अजीजुल हक समेत दूसरे मजहबी नेताओं की बिना शर्त रिहाई की माँग की है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया