पाकिस्तान में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब सिंध प्रांत में एक हिन्दू लड़की लारसाना के असीफा मेडिकल डेंटल कॉलेज में अपने हॉस्टल के कमरे में सोमवार (16 सितंबर) को मृत पाई गई। मृतका की पहचान नमृता चंदानी के रूप में हुई है, जो घोटकी के ही मीरपुर मथेलो की रहने वाली थी, जहाँ दंगा हुआ था।
नमृता लरकाना के बीबी आसिफ़ा डेंटल कॉलेज में बीडीएस की फाइनल ईयर की छात्रा थीं। उसका शव बिस्तर पर पड़ा मिला, उसके गले में रस्सी बंधी थी। बहन की मृत्यु पर नमृता के भाई डॉ विशाल सुंदर ने कहा, “उसके शरीर के अन्य हिस्सों पर भी निशान हैं, जैसे कोई उसे पकड़ रहा हो। हम अल्पसंख्यक हैं, कृपया हमारे लिए खड़े हों।”
ख़बर के अनुसार, कॉलेज प्रशासन ने हिन्दू लड़की की मृत्यु को आत्महत्या करार देने की कोशिश की, लेकिन सबूत उसकी हत्या की ओर इशारा कर रहे हैं।
घटना-स्थल की स्थिति से ऐसा पता चलता है कि मृतका ने अपनी जान बचाने के लिए काफ़ी संघर्ष किया था। उसका फोन भी ग़ायब हो गया था, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया। अब सवाल यह है कि रस्सी से लटकने के बजाय उसका शरीर बिस्तर पर क्यों पड़ा था, जैसा कि आमतौर पर फाँसी लगाकर आत्महत्या के मामलों में होता है।
लरकाना डीआईजी इरफान अली बलूच ने एसएसपी मसूद अहमद बंगश को घटना की जाँच के आदेश दे दिए हैं। वहीं, डेंटल कॉलेज के कुलपति, डॉ अनिला अताउर रहमान ने इस घटना के संदर्भ में कहा, “पहली नज़र में यह घटना आत्महत्या लग रही है, लेकिन पुलिस और मेडिको-लीगल पोस्टमॉर्टम के बाद मौत के वास्तविक कारण का पता लगाने में सक्षम होगी।”