स्विटजरलैंड ने भारत को दी बैंक अकाउंट्स की तीसरी लिस्ट, कालेधन के खिलाफ लड़ाई में मोदी सरकार का एक और कदम

कालेधन के खिलाफ लड़ाई में मोदी सरकार का एक और कदम

भारत को स्विट्जरलैंड से अपने नागरिकों और संस्थाओं के स्विस बैंक खाते के विवरण का तीसरा सेट प्राप्त हुआ है। स्विस बैंक से भारत को यह जानकारी ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन पैक्ट (automatic exchange of information pact) के तहत मिली है। इसमें उन लोगों के अकाउंट के बारे में एक डिटेल रिपोर्ट है, जिन्होंने स्विटजरलैंड में पैसे जमा कर रखे हैं। यह जानकारी स्विस बैंक की तरफ से शेयर की गई है। इस तरह की दो अन्य रिपोर्ट इससे पहले शेयर की जा चुकी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों देशों के बीच हुए करार के तहत स्विस बैंक की तरफ से सालाना आधार पर इस तरह की रिपोर्ट शेयर की जाती है। इस साल स्विस बैंक ने 96 देशों के 33 लाख बैंक अकाउंट की जानकारी शेयर की है। वहाँ के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (FTA) की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस साल स्विस बैंक ने 10 नए देशों के नागरिकों की जानकारी भी शेयर की है। इन 10 देशों में एंटीगुआ, बरबूडा, अजरबैजान, डोमिनिका, घाना, लेबनन, मकाउ, पाकिस्तान, कतर, सामाओ और Vanuatu शामिल हैं। इसके अलावा 96 में 70 देश ऐसे हैं, जिनके साथ परस्पर जानकारी शेयर की गई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 26 देशों ने स्विटजरलैंड के साथ ये जानकारी शेयर की, लेकिन बदले में स्विटजरलैंड ने अपनी तरफ से उन्हें कोई जानकारी नहीं शेयर की। बताया जा रहा है कि डेटा सिक्यॉरिटी के कारण 14 देशों को स्विटजरलैंड ने जानकारी शेयर करने से मना कर दिया है।

मालूम हो कि फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (FTA) किसी भी अकाउंट होल्डर का नाम या अन्य जानकारी शेयर नहीं करता है। कहा जा रहा है कि सितंबर 2022 में स्विस एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से इसी तरह का चौथा विवरण शेयर किया जाएगा। FTA ने पहली बार सितंबर 2019 में स्विस बैंक से इस तरह की जानकारी हासिल की थी। उस साल स्विस बैंक ने 75 देशों के ऐसी जानकारी शेयर की थी।

गौरतलब है कि 9 अक्टूबर 2020 को भारत को स्विट्जरलैंड से अपने नागरिकों और संस्थाओं के स्विस बैंक खाते के विवरण का दूसरा सेट प्राप्त हुआ था। कालेधन के ख़िलाफ लड़ाई में मोदी सरकार को साल 2019 में सबसे पहली बड़ी सफलता मिली थी। स्विस बैंक में भारतीय खातों का विवरण प्राप्त करने के लिए भारत काफी समय से प्रयास कर रहा था। इसके बाद सितंबर 2019 में पहले दौर का विवरण स्विट्जरलैंड ने भारत को सौंपा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया