ईरान में स्कूली लड़कियों पर केमिकल अटैक, 100 छात्राएँ अस्पताल में भर्ती: 4 महीने में 700 लड़कियों को दिया जा चुका है जहर, अब तक कोई गिरफ्तार नहीं

ईरान में स्कूल जाने वाली लड़कियों को दिया गया जहर (फोटो साभार: iranintl)

ईरान (Iran) में पिछले साल से हिजाब विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं। इस्लामिक देश में स्कूल जाने वाली कई लड़कियों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें स्कूल जाने से रोकने के लिए जहर दिया जा रहा है। हाल ही में ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री यूनुस पनाही ने इसका खुलासा किया। मंत्री ने बताया कि ईरान के शहर कोम समेत कई जगहों पर लड़कियों के स्कूलों को बंद कराने के लिए कुछ लोगों द्वारा सैकड़ों छात्राओं को जहर दिया गया। जहर केमिकल कंपाउंड के रूप में दिया गया और अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। फिलहाल मामले की जाँच चल रही है।

बुधवार (1 मार्च 2023) को ईरान में स्‍कूली लड़कियों पर एक बार फिर घातक हमला हुआ है। राजधानी तेहरान और उत्तर-पश्चिमी शहर अर्दबील के कम से कम 10 स्कूलों को केमिकल-गैस अटैक से निशाना बनाया गया। इससे सैकड़ों छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। 100 से ज्‍यादा छात्राओं को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो और फोटोज सामने आ रहे हैं, जिसमें लड़कियों को अस्पताल में इलाज कराते हुए देखा जा सकता है।

अभिभावकों का दावा है कि स्कूली छात्राओं को हाल ही में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए टारगेट किया जा रहा है। दरअसल, पिछले तीन महीनों में पूरे ईरान में स्कूली छात्राओं पर इस तरह के हमले के कई मामले सामने आए हैं। लेकिन अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस्लामिक देश के आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी ने बुधवार (1 मार्च 2023) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब तक देश भर के स्कूलों में लड़कियों पर जहरीली गैस के हमले करने वाले किसी भी शख्स को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

24 फरवरी 2023 को जमीलेह कादिवार (Politician Jamileh Kadivar) ने कहा कि अब तक कम से कम 400 स्कूली छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ईरानी अधिकारियों ने कहा है कि वे हमलों की जाँच करेंगे। तेहरान में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी (Ebrahim Raisi) ने अहमद वाहिदी को जितनी जल्दी हो सके इस तरह के हमलों का कारण पता लगाने का निर्देश दिया।

न्यूयॉर्क स्थित सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स इन ईरान (CHRI) ने आरोप लगाया है कि हाल के महीनों में कोम और तेहरान जैसे बड़े शहरों में सैकड़ों छात्रों, जिनमें अधिकांश लड़कियाँ हैं, पर जहरीली गैस के हमले के बाद ईरान में एक लड़की की मौत हो गई है। वहीं, वाशिंगटन स्थित ईरान इंटरनेशनल न्यूज चैनल के अनुसार, ईरानी अधिकारियों ने इन खबरों का खंडन किया है कि 11 वर्षीय फतेमेह रेज़ाई (Fatemeh Rezaei) की मौत जहरीली गैस के हमले के बाद हुई है।

बता दें कि ईरान में नवंबर महीने से अब तक सैकड़ों लड़कियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। उन्हें साँस की समस्या, चक्कर आना और थकान का सामना करना पड़ा है। कुछ लोग लगातार ईरान में लड़कियों का स्कूल बंद करने की माँग कर रहे हैं। इसलिए संदेह जताया जा रहा है कि लड़कियों को स्कूल जाने से डराने के लिए ये साजिशन किया जा रहा है।

नवंबर से अब तक 700 लड़कियों को जहर

बीबीसी के मुताबिक, ईरान में नवंबर 2022 से स्कूल की लड़कियों को जहर देना शुरू किया गया। नवंबर से अब तक 700 लड़कियों को जहर दिया जा चुका है। पहला हमला 30 नवंबर को सामने आया था। जब कोम में नौर टेक्निकल स्कूल के 18 छात्रों को अस्पताल ले जाया गया था। कोम तेहरान से लगभग 160 किमी दक्षिण में है। यह बेहद रूढ़िवादी और धार्मिक तौर पर कट्टर शहर माना जाता है। देश के ज्यादातर नेताओं और राष्ट्रपतियों ने कोम शहर से ही मजहबी तालीम ली है।

पिछले एक हफ्ते में बोरुजेर्ड शहर के चार स्कूलों में कम से कम 194 लड़कियों को कथित तौर पर जहर दिया गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, तेहरान के पास पारडीस के खय्याम गर्ल्स स्कूल में मंगलवार (28 फरवरी 2023) को और 37 छात्राओं को जहर दिया गया।

गौरतलब है कि ईरान में पिछले साल सिंतबर में 22 साल की लड़की महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद यह विरोध प्रदर्शन भड़के थे। महसा को हिजाब ठीक से न पहनने के जुर्म में हिरासत में लिया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया