जिनकी शादी में जलकर मर गए 100, अब अपने समाज को मुँह नहीं दिखाना चाहता वह जोड़ा: कहा- हादसे से हम शर्मिंदा, छोड़ देंगे शहर

इराक में शादी समारोह में आग से करीब 100 की मौत (फोटो साभार: स्काई न्यूज और X/ @aliqasim)

इराक के उस ईसाई जोड़े ने अपने शहर को छोड़ने का फैसला किया, जिनकी शादी में जलकर 100 लोगों की मौत हो गई थी। इस जोड़े का कहना है ​कि वे हादसे से दुखी और शर्मिंदा हैं। अपने समाज को अब मुँह नहीं दिखाना चाहते।

इराक के निनेवेह प्रांत के हमदानिया जिले में 27 सितंबर 2023 को यह हादसा हुआ था। शादी समारोह समारोह स्थल पर आतिशबाजी के कारण आग लगने से करीब सौ लोगों की मौत हो गई थी। यह शादी रेवान (27) और हनीन (18) के बीच हो रही थी। भीषण आग में दूल्हा-दुल्हन जीवित बच गए थे। हादसे के समय शादी हॉल में 900 से अधिक लोग मौजूद थे।

हादसे के वायरल वीडियो में दूल्हा-दुल्हन को नाचते देखा जा सकता है। तभी हॉल की छत से से आग के शोले बरसना चालू हो जाते हैं। इस भीषण अग्निकांड में दूल्हा के परिवार के 15 जबकि दुल्हन के परिवार के 10 सदस्यों की भी मौत हो गई है।

अग्निकांड में बचने वालों ने बताया है कि शादी समारोह के दौरान महिला-पुरुष और बच्चे सभी मौजूद थे। घटना में 150 से अधिक घायल हैं। दुल्हन के भी पैरों में भगदड़ के कारण चोट लगी है। कई घायलों की स्थिति गंभीर है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। बुरी तरह जलने के कारण कुछ शव के पहचान में भी समस्या आ रही है।

इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल सूडानी ने स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री से हालातों का जायजा लेकर आगे की कार्रवाई करने को कहा है। दूल्हे ने समाचार वेबसाइट स्काई न्यूज को बताया कि आतिशबाजी के दौरान होने वाले खतरों को लेकर उन्होंने हॉल के प्रबंधकों से बात की थी। लेकिन उनका कहना था कि पटाखे इलेक्ट्रिक हैं और इनसे कुछ नहीं होता है। दूल्हे-दुल्हन का कहना है कि वह इस घटना के बाद दुखी और शर्मिंदा हैं। अब अपना शहर छोड़ कर कहीं बाहर चले जाएँगे, क्योंकि वह अपने समाज को मुँह नहीं दिखाना चाहते।

बताया जा रहा है कि जहाँ यह शादी समारोह हो रहा था उस इमारत की छत में ऐसी सामग्री लगी थी जो बहुत जल्द आग पकड़ती है। दूल्हे ने भी बताया कि शादी समारोह के दौरान एक बार बिजली गई और जब दोबारा वापस आई तो आग लग गई। इमारत में आग बुझाने वाले यन्त्र भी नहीं थे।

इराक के अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के लिए यह घटना काफी दुखद है। एक अनुमान के अनुसार, इराक में मात्र 1.5 लाख ईसाई बचे हुए हैं। दो दशक पहले इनकी संख्या इसकी 10 गुना थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया