इजरायल ने बनाई ‘यूनिटी गवर्नमेंट’, कहा-  हमें नैतिकता का पाठ ना पढ़ाए, जब तक बंधक नहीं रिहा होंगे तब तक गाजा को बिजली-पानी की सप्लाई नहीं

इजरायल में यूनिटी गवर्नमेंट, गाजा को बिजली-पानी की सप्लाई से इनकार (फोटो साभार: Fox News/The Cradle)

इस्लामी आतंकी संगठन हमास के हमलों के बाद पैदा हुई परिस्थितियों के मद्देनजर इजरायल में ‘यूनिटी सरकार’ का गठन किया गया है। साथ ही इजरायल ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक हमास बंधक बनाए गए लोगों को नहीं छोड़ता तब तक वह गाजा में बिजली, पानी, ईंधन की आपूर्ति को बहाल नहीं करेगा।

आपातकालीन एकता सरकार का गठन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और विपक्ष के नेता बेनी गान्त्ज ने मिलकर किया। दोनों नेता अब वार कैबिनेट का गठन करेंगे। इस फैसले के बाद गान्त्ज ने कहा है कि हम हमास का नामोनिशान मिटा देंगे। वहीं नेतन्याहू ने कहा है कि हमास का हर आतंकी अपने आप को मरा हुआ समझे।

उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर अचानक ही हमला कर दिया था। इसमें अब तक 1300 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। आतंकियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बंधक भी बना लिया था। इसके बाद से जवाबी कार्रवाई में इजरायल ने गाजा में हमास के ठिकानों पर बमबारी कर रहा है। इन हमलों में करीब 1100 आतंकी ढेर हो चुके हैं।

हमास के हमलों के बाद इजरायल के रक्षा मंत्री याओव गैलेंट ने गाजा पर कब्जे के आदेश दिए थे। गाजा को पानी, बिजली और ईंधन की आपूर्ति रोक दी गई थी। अब गाजा में न तो बिजली है और ना ही आपातकाल में जनरेटर चलाने के लिए ईंधन है। गाजा से बाहर निकलने के लिए उपयोग किए जाने वाले दोनों निकासी प्वाइंट भी बंद कर दिए गए हैं। इनमें से एक मिस्र, जबकि एक इजरायल के नियंत्रण में है। पूरे गाजा की इजरायली सैनिकों ने घेराबंदी भी कर रखी है।

गाजा में समस्याएँ गहराने के बाद रेडक्रॉस ने गाजा के भीतर ईंधन के टैंकरों को जाने देने की अपील की थी। रेडक्रॉस का कहना है कि यदि अस्पतालों में बिजली की व्यवस्था नहीं हुई तो लोगों को बचाना मुश्किल हो जाएगा। इजरायल के ऊर्जा मंत्री इजरायल काट्ज ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स/ ट्विटर पर कहा है, “गाजा को मानवीय मदद? जब तक इजरायली बंधक वापस नहीं आते तब तक ना ही कोई बिजली का स्विच ऑन होगा, ना किसी पानी के पाइप को खोला जाएगा और ना ही कोई भी तेल का टैंकर गाजा में घुसेगा। मानवता, मानववादियों के लिए है। हमें कोई नैतिकता का पाठ ना पढ़ाए।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया