फिलिस्तीनी झंडे के रंग से मेल खाती टोपी और आग, भड़क गए कट्टर इस्लामी: एक साल में 4895 करोड़ रुपए का फायदा कमाने वाली M&S कंपनी ने माँगी माफी

मार्क एंड स्पेंसर और उसके विज्ञापन का स्क्रीनशॉट (साभार-डेली मेल)

इजरायल-हमास युद्ध के बीच यूके स्थित रिटेल ब्रांड मार्क्स एंड स्पेंसर ने फ़िलिस्तीनी झंडे के रंगों से मिलती जुलती जलती क्रिसमस की टोपियों की एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की थी। जिसके बाद बवाल हो गया। ज़्यादातर मुस्लिमों ने उसकी तुलना जलते हुए फिलिस्तीन से करके हंगामा कर दिया। जिसके बाद कंपनी ने विज्ञापन के लिए माफ़ी माँगी है। 

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह तस्वीर कंपनी के एक टीवी विज्ञापन से ली गई है, जिसमें चिमनी में लाल, हरी और सिल्वर रंग की टोपियाँ जलती हुई दिखाई दे रही हैं। यह तस्वीर कंपनी के क्रिसमस के लिए फिल्माए गए कपड़ों और घर के विज्ञापन से ली गई थी, जिसका थीम था लोगों को उन क्रिसमस परंपराओं से दूर हो जाना चाहिए जिन्हें वे अब पसंद नहीं करते हैं।

M & S के पोस्ट का स्क्रीनशॉट (साभार-बीबीसी)

आग में जलते फिलिस्तीनी झंडे जैसी दिखाई दे रही उन टोपियों वाली तस्वीर की सोशल मीडिया खूब आलोचना हुई। लोगों ने लिखा कि जलती टोपियों और फ़िलिस्तीनी झंडे के रंगों में समानता है। जो ठीक नहीं है। हालाँकि, मार्क्स एंड स्पेंसर ने कहा कि उनका इरादा मजेदार क्रिएटिव तरीके से यह दिखाना था कि कुछ लोगों को कागज़ से बनी क्रिसमस टोपियाँ पहनना पसंद नहीं है।

बता दें कि मार्क्स एंड स्पेंसर की शुरुआत 1884 में यहूदी आप्रवासी माइकल मार्क्स द्वारा किया गया था। वहीं उनके इस विज्ञापन को एक राजनीतिक बयान के रूप में देखा जा रहा है। हालाँकि, कंपनी का मुनाफा करोड़ों में है। 2022-23 में ही कंपनी ने करीब 4895 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया था।

विज्ञापन से भड़के मुस्लिम

विज्ञापन के वायरल होने के बाद ज़्यादातर मुस्लिम नामों वाले सोशल मीडिया अकाउंट ने इंस्टाग्राम पर इसे बिल्कुल घृणित विज्ञापन बताते हुए कहा कि भले ही यह अगस्त में शूट किया गया था, लेकिन अब आपको इस विज्ञापन को फिर से शूट करना चाहिए था या बदलाव करने के लिए तकनीक का उपयोग करना चाहिए था। कंपनी को ऐसी हरकत के लिए शर्म आनी चाहिए!

वहीं दूसरे व्यक्ति ने कहा, “क्रिसमस उत्सव के रूप में प्रस्तुत करने के लिए आपके मन में इतनी नफरत कैसे आ गई?”

एक व्यक्ति ने कहा, “आपके विज्ञापन नई परंपराओं को अपनाने के बजाय पुरानी परंपरा को नष्ट करने पर केंद्रित लगते हैं।”

एक और यूजर ने कहा, “कागज की टोपियों के रंग की परवाह किए बिना विज्ञापन बकवास और क्रिसमस विरोधी था।”

मार्क एंड स्पेंसर के बहिष्कार की अपील और भड़के मुस्लिमों के कमेंट्स के कुछ स्क्रीनशॉट

वहीं, सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना के बाद कंपनी ने तस्वीर डिलीट कर दी और कहा कि विज्ञापन हालिया इजरायल-गाजा संघर्ष शुरू होने से पहले अगस्त में ही फिल्माया गया था। इसमें कहा गया है कि यह टोपियाँ पारंपरिक लाल, हरी और सिल्वर रंग  की क्रिसमस पेपर टोपियाँ थीं।

मार्क्स एंड स्पेंसर ने बुधवार (1 नवंबर, 2023) की रात सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, “लोगों की प्रतिक्रिया के बाद हमने पोस्ट हटा दी है और हम अनजाने में लोगों को पहुँचे चोट के लिए माफी माँगते हैं।”

गौरतलब है कि कंपनी द्वारा पोस्ट डिलीट करने के  मामला पूरी तरह शांत नहीं हुआ है। मुस्लिम अभी भी मार्क एंड स्पेंसर के सामानों का बहिष्कार करने की माँग कर रहे हैं। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया