DU के तारीक अनवर ने पत्रकार की हत्या का आरोप ‘संघियो’ पर मढ़ा, जबकि हत्यारों में समुदाय विशेष का व्यक्ति शामिल

DU प्रोफ़ेसर डॉ मोहम्मद तारीक अनवर

उत्तरप्रदेश के पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर एक अलग तरह की बहस देखने को मिल रही है। कुछ लोगों का मकसद वाकई इस मामले में आवाज उठाकर पत्रकार के परिवार को इंसाफ दिलवाना है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो केवल इस खबर के आने के बाद अपना एजेंडा चला रहे हैं और संघ या भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। ऐसा ही एक नाम तारीक अनवर का भी है।

दरअसल, तारीक अनवर ने इस केस के सामने आने के बाद इसका जिम्मेदार संघियों और भाजपाइयों को ठहराया है। तारीक ने फेसबुक पोस्ट पर घटना से संबंधित खबर साझा करते हुए लिखा, “Sanghi बगलबच्चा और भाजपाई नेता Parvesh Verma सही कह रहा था। ये संघी और भाजपाई गुंडे घर में घुस कर बहन, बेटियों और भारत माताओं का बलात्कार करेंगे और अगर ऐसा करने मे असफल रहे तो गोली मार देंगे।”

इस पोस्ट को तारीक अनवर ने फेसबुक के दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर ग्रुप में शेयर किया है और भाजपाइयों व संघियों पर सारा इल्जाम मढ़ा है। जबकि वास्तविकता में मृतक पत्रकार के भाँजे का आरोप है कि ये सब कमालुद्दीन के बेटे (शाहनूर मंसूरी) का किया हुआ है। उसने ही विक्रम जोशी की भाँजी के सिर पर रॉड मारी और फिर पत्रकार को गोली।

मगर, बावजूद इस सच्चाई के ये भाजपा के ख़िलाफ़ अपनी नफरत निकालने वाला ये तारीक कौन हैं? इसे भी जान लीजिए। तारीक दिल्ली यूनिवर्सिटी के जाकिर हुसैन कॉलेज के इतिहास विभाग में कार्यरत है। उनका नाम केवल मोहम्मद तारीक अनवर नहीं बल्कि ‘डॉ’ मोहम्मद तारीक अनवर है।

इनकी फोटोज देखकर मालूम चलता है कि एक पत्रकार की हत्या पर भाजपाइयों और संघियों को कोसने वाले तारीक कॉन्ग्रेस से जुड़े हुए हैं। नीचे तस्वीर में हम देख सकते हैं कि उनका नाम इंडियन नेशनल टीचर कॉन्ग्रेस में है।

इसके अलावा वह कॉन्ग्रेस से जुड़ी जानकारी भी अपने वॉल पर शेयर करते रहते हैं।

डॉ तारीक अनवर की वॉल से मालूम पड़ता है कि उन्हें तान्हाजी, पद्मावत और पानीपत जैसे फिल्मों के बॉलीवुड में दिखाए जाने से खासी नाराजगी है। वो हिंदुओं की शौर्य पर आधारित फिल्मों को इस्लामोफोबिया का हिस्सा मानते हैं।

बकरीद के दिन बकरों की कुर्बानी नही देने की बात से उन्हें गुरेज हैं। इसलिए वे ऐसे पोस्ट साझा करते हैं जिसमें हिंदुओं को मॉक किया गया हो या फिर ये कहा गया कि हिंदुत्व की आड़ में बहुत जानवरों की बलि दी जाती रही है। चाहे काली पूजा में हो या कामख्या मंदिर में। इसके अलावा वे रवीश के फैन हैं और पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा और देवंगाना कि रिहाई की माँग कर चुके हैं।

बता दें ऐसा पहली बार नहीं है कि तारीक अनवर ने किसी अपराध के लिए संघ को जिम्मेवार ठहराया। उनकी टाइमलाइन से लगता है उन्हें हर अपराध में केवल संघ या फिर भाजपा ही दोषी लगते हैं। अभी बीते दिनों जो वाराणसी का मामला आया था, जहाँ अरुण पाठक नाम के शिवसैनिक ने पैसे देकर एक युवक का सिर मुँडवा दिया था और झूठ फैलाया था कि वो नेपाली है। उस मामले में भी तारीक ने संघ को ही निशाना साधा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया