इजरायल पर इस्लामी गुट हमास ने दागे 480 रॉकेट, केरल की सौम्या सहित 36 की मौत: 7 साल बाद ऐसा संघर्ष

तेल अवीव पर हमास ने ताबड़तोड़ रॉकेट दागे (साभार: टाइम्स ऑफ इजरायल)

यरुशलम की अल अक्सा मस्जिद पर जुमे की नमाज से शुरू हुआ संघर्ष अब इजरायल और फलस्तीनियों के बीच युद्ध में तब्दील होता जा रहा है। 2014 के बाद पहली बार इस तरह का संघर्ष देखने को मिला है। मंगलवार (11 मई 2021) की रात फलस्तीनी इस्लामी गुट हमास ने इजरायल के कई शहरों पर ताबड़तोड़ रॉकेट दागे। हमास को इजरायल सहित दुनिया के कई देशों ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।

इजरायल पर दागे गए रॉकेटों की संख्या को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में इजरायली अधिकारियों के हवाले से इसकी संख्या 480 बताई गई है। कुछ रिपोर्टों में 300 तो कुछ में 200 से ज्यादा रॉकेट दागे जाने की बात कही गई है। हमास ने मंगलवार की रात तेल अवीव पर 130 रॉकेट दागने की बात कही है। हालाँकि गाजा पट्टी से दागे गए ज्यादातर रॉकेट को आयरन डोम ने आसमान में ही नष्ट कर दिया। यह एक मिसाइल डिफेंस सिस्टम है जो रॉकेट की पहचान कर जवाबी मिसाइल लॉन्च करता है। इससे रॉकेट हवा में ही नष्ट हो जाता है।

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तेल अवीव के अलावा अश्कलोन और होलोन शहर को भी निशाना बनाने की खबरें हैं। अश्कलोन में ऐसे ही एक हमले में केरल की रहने वाली भारतीय महिला सौम्या संतोष की मौत हो गई। वह एक इजरायली महिला की केयर टेकर थीं। रॉकेट की चपेट में वह इमारत आ गई, जिसमें सौम्या और यह महिला रहती थीं। मृतकों की संख्या को लेकर भी रिपोर्टों में अलग-अलग दावे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट में यह संख्या 35 बताई गई है। इनमें 32 फलस्तीनी और 3 इजरायली हैं।

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रॉकेट दागे जाने के बाद इजरायल ने भी जवाबी हमले किए। इनमें फलस्तीनी क्षेत्र को भारी नुकसान की खबर है। बताया जाता है कि इजराइली एयरफोर्स ने हमास की कब्जे वाली गाजा पट्टी में एक बहुमंजिला बिल्डिंग को जमींदोज कर दिया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार गाजा में करीब 150 जगहों पर जवाबी हमले किए गए। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इजरायल ने जवाब में 200 से ज्यादा रॉकेट दागे।

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इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। वहीं पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके लिए अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति जो बिडेन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। ट्रंप ने कहा है कि उनके राष्ट्रपति रहते इजरायल और फलस्तीन के बीच शांति थी। दुनिया को पता था कि अमेरिका हर हाल में इजरायल के साथ खड़ा है। यदि इजरायल को निशाना बनाया गया तो अमेरिका उसके दुश्मनों को नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि बिडेन की कमजोरी के कारण आज हिंसा बढ़ी है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया