2 इतालवी, फिरौती के लिए रचा खुद के अपहरण का ड्रामा; सीरिया में असली जिहादियों के हाथ बेच दिए गए

दो इतालवी नागरिक अपहरण के ड्रामे में फँसे

कभी-कभी जरूरत से ज्यादा होशियारी भारी मुसीबत में डाल देती है। यह बात इटली के इन दो नागरिकों से बेहतर कोई नहीं समझ सकता है। दरअसल, इटली की सरकार से फिरौती हासिल करने के लिए दो लोगों ने नकली आतंकवादियों के हाथों खुद के अपहरण की साजिश रची। लेकिन, उनके साथ दर्दनाक घटना तब हो गई, जब उन्हें असली जिहादियों के हाथों बेच दिया गया।

इतालवी अभियोजकों के मुताबिक, एलेसेंड्रो सैंड्रिनी और सर्जियो जानोटी ने दो अल्बानियाई पुरुषों और एक अन्य इतालवी व्यक्ति के नकली गिरोह की मदद से अपने ही अपहरण की साजिश रच डाली। ये दोनों इतालवी नागरिक अन्य लोगों से उनके गृह शहर ब्रेशिया में मिले थे।

अभियोजकों का दावा है कि इसी गिरोह के साथ दोनों व्यक्ति 2016 में 5 महीने के लिए तुर्की ले जाए गए थे। इनके बीच में सरकार से पैसे हासिल करने को लेकर डील हुई थी। इसके मुताबिक नकली आईएसआईएस की तरह ही अपहरण का वीडियो शूट किया जाना था। इसके बाद उन्हें छुड़ाने के लिए सरकार से मिलने वाली फिरौती की रकम को आपस में बाँटना था।

पुलिस ने दावा किया है कि सैंड्रिनी की गर्लफ्रेंड ने अपहरणकर्ताओं को सुना था कि वे सैंड्रिनी को एक विला में ‘ड्रग्स, शराब और लड़कियों’ के बीच विलासिता में रखना चाहते थे। सैंड्रिनी ने अपनी प्रेमिका को इस योजना के बारे में बताया था। साथ ही ये लालच दिया था कि अगर वह यह बात किसी को नहीं बताएगी तो उसे 100,000 यूरो देगा। अभियोजकों का दावा है कि अपहरणकर्ता सैंड्रिनी की प्रेमिका को मुँह बंद रखने के लिए हर सप्ताह 50 यूरो देते थे।

सूत्रों के मुताबिक, जिस गिरोह के साथ मिलकर सैंड्रिनी ने खुद के अपहरण की साजिश रची थी उसी ने धोखा देकर उन्हें सीरिया में कट्टर इस्लामी समूह ‘तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी’ के आतंकियों को बेच दिया। इस तरह सैंड्रिनी अपने ही बने जाल में फँस गया। हालाँकि, सैंड्रिनी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए एक स्थानीय समाचार पत्र से कहा, “शुरू से अंत तक वास्तविक अपहरण था।”

इस अपहरण के पीछे शामिल गिरोह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन्हीं पर ज़ानोटी के भी नकली अपहरण का शक है। इससे पहले जानोटी ने दावा किया था कि तुर्की में दुर्लभ सिक्के खरीदने के दौरान उसका अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद जानोटी को एक इस्लामी आतंकवादी संगठन को सौंप दिया गया था। 2019 में छूटने से पहले वह सैंड्रिनी की तरह अल-कायदा से जुड़ा हुआ था। सूत्रों के मुताबिक, “सैंड्रिनी के खिलाफ जांच चल रही है और जानोटी फेक किडनैपिंग के मामले में जल्द ही पकड़ा जा सकता है।”

2018 में सैंड्रिनी का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उसके असली किडनैपिंग का सीन था। इसमें वह हथियारबंद अपहरणकर्ताओं के सामने घुटने टेक कर मदद की गुहार लगा रहा था। इसके बाद मई 2019 में अपहरणकर्ताओं के चंगुल से रिहा होने के बाद उसने दावा किया था कि उसे तुर्की में छुट्टियाँ बिताने के दौरान होटल में ड्रग दिया गया और अपहरण कर लिया गया था। रिहा होने के बाद जब वो वापस लौटा तो उसे कई डकैती वारदातों में शामिल होने के कारण घर में नजरबंद किया गया था।

जानोटी ने अब तक आरोपों पर चुप्पी साध रखी है। साल भर पहले अप्रैल 2019 में आतंकवादियों ने उसे रिहा किया था। उस दौरान इटली के तत्कालीन पीएम गिउसेप कोंटे ने कहा था कि जानोटी की हालत अच्छी है और उसने मामले की जाँच के लिए इटैलियन इंटेलीजेंस ब्यूरो को धन्यवाद दिया है।

वहीं जानोटी की पूर्व पत्नी ने इतालवी समाचार पत्र ला रिपब्लिका को बताया कि वह उस पर लगे आरोपों के बारे में सुनकर हैरान थीं। उसने हमें बताया कि जब उसे अलेप्पो के पास कैद कर रखा गया था, तो उसे घोड़े की तरह घास खाने के लिए मजबूर किया गया था।

सूत्रों का कहना है कि इटली की सरकार को संदेह है कि इनकी रिहाई के लिए फिरौती दी गई थी। इटैलियन न्यायिक सूत्रों के मुताबिक, किडनैपिंग की इन घटनाओं में दोनों व्यक्तियों को एक भी पैसा नहीं मिला। अगर कुछ भी भुगतान किया गया था, तो उन्हें कुछ भी नहीं मिला।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया