अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा- चीन की चुनौतियों का जवाब देने का वक्त आया: भारत ने भी FDI नियमों में दिखाई सख्ती

अमेरिका ने कहा, चीन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का वक्त आया (फाइल फोटो)

चीन के खिलाफ अमेरिका कड़ा रुख अख्तियार कर रहा है और लगातार कोई न कोई कदम उठा रहा है। अमेरिका एक तरफ कोरोना वायरस को लेकर चीन को जिम्मेदार ठहरा रहा है। वहीं दूसरी ओर साउथ चाइना सी और हॉन्गकॉन्ग के मुद्दे को लेकर भी तनाव बढ़ता जा रहा है।

इस वक्त अमेरिका और चीन के बीच तल्खी इस कदर बढ़ गई है कि डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ सभी संबंधों को तोड़ने की धमकी भी दे दी है। वहीं भारत भी अब चीन से होने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने कहा, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ कार्रवाई करने का समय आ गया है। यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि दुनिया चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से पेश की जा रही चुनौतियों का जवाब दे।

उन्होंने कहा कि चीन को कोरोना वायरस महामारी के बारे में बहुत पहले से ही पता था। चीन सरकार यह जानती थी कि यह महामारी बहुत घातक है। जो एक से दूसरे इंसान में आसानी से फैल सकती है। उसके बावजूद उसने जान-बूझकर ये बात दुनिया से छुपाई।

पोम्पिओ ने ‘फॉक्स न्यूज’ के बिल हेमर को बृहस्पतिवार को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “दक्षिण-पूर्वी एशिया में ही नहीं, बल्कि एशिया और यूरोप के देशों को भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों के बारे में पता चल गया है। अमेरिका ने भी काफी लंबे समय तक इस पर गौर नहीं किया।” उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि उन सभी ने भी यही किया और मुझे लगता है कि अब वे सभी एक संयुक्त निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि इसे सही करने का समय आ गया है।”

पोम्पिओ ने कहा, “दुनिया में लोकतंत्र और स्वतंत्रता से प्रेम करने वाले लोगों के लिए यह जरूरी है कि हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों का जवाब दें।” उन्होंने कहा कि “लगातार 40 साल तक अमेरिकी प्रशासन दूसरी ओर देखता रहा और चीन को अमेरिका का फायदा उठाने का मौका दिया।”

पोम्पिओ के मुताबिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है, “अब और नहीं।” विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका निष्पक्ष, पारस्परिक व्यापारिक संबंध बनाएगा और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से अमेरिकियों के साथ उसी तरह से व्यवहार करने की माँग करेगा जैसा अमेरिका वहाँ जाने वाले लोगों के साथ करता है। हेमर ने पोम्पिओ से हॉन्गकॉन्ग आधारित वायरस विशेषज्ञ डॉ. यान ली-मेंग के उस दावे के बारे में भी पूछा, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजिंग को इस वायरस के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की जानकारी सार्वजनिक करने से तीन सप्ताह पहले ही इसके बारे में पता था।

पोम्पिओ ने इसके जवाब में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी ऐसा ही किया और विश्व को इस खतरे से निपटने के लिए जो जानकारी हासिल होनी चाहए थी, वह उसे नहीं दी गई। विश्व में कोरोना वायरस के सबसे अधिक 35 लाख से अधिक मामले अमेरिका में हैं और 1,37,000 से अधिक लोगों की इससे जान जा चुकी है। पोम्पिओ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों और उनके परिवार के अमेरिका आने पर रोक लगाने की खबरों पर टिप्पणी करने से बचते दिखे।

वहीं अब भारत ने भी चीन के ख़िलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। भारत ने चीन के रुख को देखते हुए उसके 59 ऐप को पहले ही बैन कर दिया था। फिर उसके बाद भारत ने चीन की कंपनियों से जुड़े सारे कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म कर दिए। अब भारत सख्त कदम उठाते हुए एफडीआई नियमों में भी सख्ती दिखाने की तैयारी में लग गया है।

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CNBC-आवाज़ न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार भारत ECB से होने वाले FDI से जुड़े नियमों में सख्ती बरतने की तैयारी करने जा रहा है। ECB के नियमों में बदलाव करने को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) और वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की कई बैठकें हुई हैं। फिलहाल अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

चर्चा के दौरान ECB को इक्विटी में बदलने के लिए नियम सख्त किए गए है। बेनिफिशल ओनरशिप को लेकर सख्ती बरती गई है। तीसरे देश से आने वाले एफडीआई के लिए मँजूरी लेना अनिवार्य होगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया