तालिबान के शासन में टीवी एंकर का ऐसा हाल, परिवार का पेट पालने के लिए फुटपाथ पर धंधा कर रहे पत्रकार मूसा मोहम्मदी: तस्वीरें वायरल

अफगानिस्तान में पूर्व पत्रकार मूसा मोहम्मदी बेच रहे स्ट्रीट फूड (फोटो साभार: कबीर ह्क्मल का ट्विटर हैंडल)

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद से वहाँ के हालात पूरी तरह से बदल गए हैं। 10 महीने बाद भी वहाँ लोगों को गरीबी, बेरोजगारी और भुखमरी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। लाखों अफगानियों के सामने दो वक्त की रोटी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कुछ तस्वीरें इसका ताजा उदाहरण हैं। यह तस्वीरें अफगानिस्तान के एक पत्रकार की हैं, जो तालिबानी शासन में अब अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए स्ट्रीट फूड बेच रहे हैं। उनकी हालिया तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह अपने ही देश में किस तरह बद से बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

जानकारी के मुताबिक, इस पत्रकार का नाम मूसा मोहम्मदी (Musa Mohammadi) है। उन्होंने अफगानिस्तान के विभिन्न टीवी चैनलों में एंकर और बतौर रिपोर्टर कई वर्षों तक काम किया है। अब वह बेरोजगार हैं। उनके पास अपने परिवार को दो वक्त की रोटी खिलाने के लिए कोई भी आय का साधन नहीं है। इसलिए वह अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए स्ट्रीट फूड बेचते हैं।

उल्लेखनीय है कि तालिबान ने 15 अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर एक बार फिर काबिज होने के बाद पुरुषों और महिलाओं पर अलग-अलग प्रतिबंध लगाए हैं। महिलाओं को शिक्षा से वंचित करने के बाद तालिबान ने इस साल मार्च में अफगानिस्तान के पुरुषों के लिए नया फरमान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि जो सरकारी कर्मचारी दाढ़ी नहीं रखेगा, उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा। यही नहीं तालिबान ने लड़कियों के स्कूल जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।

गौरतलब है कि तालिबान अफगानिस्तान में अपने 1996 से 2001 के शासन में मानवाधिकारों के हनन के लिए जाना जाता है, लेकिन दूसरी बार सत्ता में आने के बाद उसने वादा किया था कि इस बार वह सख्त रूख नहीं अपनाएगा। हालाँकि, इसके बाद भी रूढ़ीवादी सोच वाले तालिबान द्वारा ऐसे फरमान जारी किए जा रहे हैं, जिससे अफगान के नागरिक बद से बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया