एक भी हिन्दू कश्मीर में बसता है तो उसे 1 मिनट भी ज़िंदा रहने का अधिकार नहीं: पाक ‘विश्लेषक’ पीरजादा

तारिक़ पीरज़ादा रुपए कमाने के लिए भारतीय चैनलों पर भी बेइज्जत होने आता है

पाकिस्तान के एक ‘बुद्धिजीवी’ ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को ख़त्म किए जाने पर हिन्दुओं के नरसंहार की वकालत की है। पाकिस्तान के स्वघोषित बुद्धिजीवी तारिक पीरजादा ने कश्मीरियों को उकसाते हुए कहा है कि अगर एक भी हिन्दू उनके राज्य में बसता है तो उसे मार डालना चाहिए। तारिक पीरजादा न सिर्फ़ पाकिस्तान बल्कि भारत के मीडिया चैनलों पर भी चर्चाओं में हिस्सा लेता रहा है। अतिरिक्त रुपए कमाने के लिए भारतीय टीवी चैनलों पर आकर बेइज्जत होना उसका पुराना पेशा रहा है।

स्वघोषित न्यूज़ विश्लेषक ने दावा किया कि भारतियों ने जम्मू कश्मीर पर उसी तरह अवैध कब्ज़ा कर रखा है, जिस तरह से यहूदियों ने फिलिस्तीन को अपने कब्जे में ले लिया। तारिक पीरजादा ने कहा कि अगर एक भी हिन्दू कश्मीर में आकर बसता है तो उसे एक मिनट भी ज़िंदा रहने का अधिकार नहीं है। कश्मीरी जनता को भड़काने के उद्देश्य से उसने कहा कि वहाँ हालात फिलिस्तीन से भी बदतर हैं।

पीरजादा ने पाकिस्तान सरकार से अपील करते हुए कहा कि उसे अब जम्मू कश्मीर को भारत से पूर्णरूपेण अलग करने को खुला समर्थन देना चाहिए। पीरजादा ने कहा, “मुझे आशा है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद कश्मीरी जनता अगर भारतीय सत्ता के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरती है तो पाकिस्तानी फौज जमीन पर जाकर उनकी मदद करेगी।” पीरजादा के इस बेतुके, भड़काऊ और अजीबोगरीब बयान का कारण उसकी बौखलाहट और तिलमिलाहट है।

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अंतरराष्ट्रीय मंच पर कहीं से भी समर्थन न मिलने के कारण पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। तालिबान से डाँट सुनने के बाद उसे चीन से भी अपेक्षित समर्थन नहीं मिला। यूएई और मालदीव जैसे मुस्लिम देशों ने भी जम्मू कश्मीर को भारत का आंतरिक मुद्दा बताया। रूस ने अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को ख़त्म कर जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन किए जाने को भारतीय संविधान के दायरे में रह कर लिया हुआ निर्णय करार दिया। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान की अपील पर कोई ध्यान नहीं दिया।

इससे पाकिस्तान के पत्रकारों व नेताओं में बौखलाहट का माहौल है। पाकिस्तान के एक सांसद ने भरी संसद में अपने ही मंत्री फवाद चौधरी को दब्बू, बेशर्म और कुत्ता जैसे अपमानजनक शब्दों से नवाज दिया। हाल ही में पाकिस्तान के रेल मंत्री रशीद खान ने कहा कि अगर युद्ध हुआ तो वह ख़ुद सीमा पर लड़ने जाएँगे। रशीद ख़ान ने ख़ुद को भारतीय मुसलमानों की आवाज बताया। बता दें कि यही रशीद ख़ान 1998 में पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण के समय डर के मारे देश से बाहर भाग खड़े हुए थे।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की पार्टी पीटीआई ने एनडीटीवी की एक ख़बर का वीडियो ट्वीट कर यह दिखाने की कोशिश की कि जम्मू कश्मीर के लोग भारत सरकार के निर्णय से नाखुश हैं। कई पाकिस्तानी चैनलों ने भारतीय नेताओं, ख़ासकर कॉन्ग्रेस पार्टी के नेताओं के बयान को प्रसारित किया। इन बयानों में कॉन्ग्रेस नेताओं ने जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को ख़त्म किए जाने का विरोध किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया