पाकिस्तान समर्थित कट्टरपंथियों ने दीवाली पर उगला ज़हर: मोदी के पुतले पर निकाली भड़ास

लंदन में कट्टरपंथियों का दिवाली पर विरोध प्रदर्शन (फ़ाइल फोटो )

27 अक्टूबर को कई पाकिस्तानी मुस्लिम भारत और भारत सरकार के खिलाफ अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर विरोध करने जुटे मगर विरोध के लिए जुटी इस भीड़ के प्रदर्शन का रुख ही बदल गया। उन्होंने जैसे इस प्रदर्शन को हिन्दुओं के प्रति अपनी नफरत की कट्टरता और नीयत दर्शाने का मौका बना दिया। पाकिस्तानी मुसलामानों की उस भीड़ ने जैसे भारत के प्रधानमंत्री मोदी के पुतले को अपनी नफरत का इज़हार करने का एक जरिया ही बना लिया था। पाकिस्तानी मुस्लिमों की इस भीड़ ने भारतीय प्रधानमंत्री की तस्वीर वाले पुतले को घसीटकर कुचलना शुरू कर दिया। यह पाक समर्थित मुस्लिम यहीं नहीं रुके बल्कि इस हरकत के दौरान उन्होंने एक-दूसरे को उकसाना शुरू कर दिया जिससे वहाँ मौजूद सारे मुस्लिम अपनी कुंठा इसके ज़रिए प्रकट करने लगे।

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बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन के बहाने भारत और हिन्दुओं के प्रति नफरत फैलाने की इस हरकत के पीछे लंदन के कई पाकिस्तानी समर्थन वाले ग्रुप और जेकेेएलएफ यानि जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट की युनाइटेड किंगडम वाली ब्रांच का हाथ है। यह खूंखार संगठन इतने आक्रामक और असहिष्णु हैं कि पिछले कुछ महीनों के अंदर हुए इन संगठनों द्वारा प्रायोजित विरोध प्रदर्शनों में पाकिस्तानी कट्टरपंथियों ने कई बार लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग की इमारत को निशाना बनाया है।

हालाँकि, दिवाली को लेकर हुए इस विरोध प्रदर्शन को लेकर लंदन के मेयर सहित ब्रिटेन के कई अन्य राजनेताओं ने आपत्ति जताई है, प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी इस प्रदर्शन की निंदा की है। भारतीय मूल के ब्रितानी सांसद नवीन शाह और अन्य भारतीय उच्चाधिकारियों से इस घटना के सन्दर्भ में इलाके की पुलिस और ब्रितानी गृहसचिव प्रीती पटेल को भी इसकी सूचना दी है। बता दें कि ब्रिटेन में रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोगों ने दिवाली  के मौके पर त्यौहार के उमंग को भंग करने के उद्देश्य से पाकिस्तानी मुस्लिमों की ऐसी हरकत की कड़ी निंदा की है। इस घटना को हिन्दूफोबिया तथा नस्लभेदी बताया, हिन्दुओ के पवित्र त्यौहार दीपावली पर इस तरीके से नफरत फैलाने की हरकत को ब्रिटेन के नागरिकों के समुदाय ने भी गलत ठहराया ।

विरोध प्रदर्शन के लिए निकाला जाने वाला यह मार्च दरअसल भारतीय उच्चायोग के सामने से होकर गुजरने वाला था मगर पुरानी घटनाओं के चलते स्थानीय पुलिस ने एहतियातन इसे पब्लिक ऑर्डर एक्ट 1986 की धारा 12 के तहत रोक दिया। अपने इस विरोध प्रदर्शन में पाकिस्तानियों ने एक वैन इस्तेमाल की जिसपर तमाम भारत-विरोधी नारे लिखे थे, इसी के प्रति-उत्तर में भारतीयों ने एक वैन लेकर शहर भर में प्रचार किया जिसमें दिवाली की शुभकामनाएँ लिखी थीं। ऐसे ही प्रदर्शनों के लिए लन्दन और यूएस में पाकिस्तानी संगठनों ने प्रदर्शन में जाने के लिए बसों का इंतज़ाम किया था।

ब्रितानी मीडिया का एक चर्चित चेहरा केटी हॉपकिंस को तब शर्मसार होना पड़ा जब उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे कई पाकिस्तानी का विरोध किया था। केटी ने प्रदर्शन करने वालों की हरकतों के लिए उनकी हरकत को सीधे शब्दों में इसे हिन्दूफोबिया कहा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया