कश्मीर मुद्दे पर बौखलाया पाकिस्तान अब नीचता पर उतर आया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी घाटी का माहौल बिगाड़ने के लिए जम्मू कश्मीर के हालातों पर फेक वीडियो ट्वीट किया है। मगर इस ट्वीट को करके वो खुद फँस गए हैं। इस फेक वीडियो के लिए आरिफ अल्वी को ट्विटर की तरफ से नोटिस भेजा गया है।
इस नोटिस के बाद पाकिस्तान के मंत्री कह रहे हैं कि ट्विटर भी अब भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है। बता दें कि 5 अगस्त को जब भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी करने का फैसला किया था, उसके बाद भी ट्विटर ने फेक ट्वीट करने वालों पर एक्शन लिया था और अब इसमें पाकिस्तानी राष्ट्रपति का नाम भी जुड़ गया है। पाकिस्तानी मीडिया की तरफ से इसकी जानकारी दी गई।
पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन माजरी ने इस पूरे मसले पर ट्वीट किया है। माजरी ने ट्विटर द्वारा भेजे गए ईमेल का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है, “ट्विटर वाकई में मोदी सरकार का मुखपत्र बन गया है। उन्होंने हमारे राष्ट्रपति को नोटिस भेजा है। यह बहुत ही बुरा और बेतुका है।”
बता दें कि, 24 अगस्त को अल्वी ने एक वीडियो शेयर किया था जो विदेशी मीडिया की तरफ से जारी किया गया था। इस वीडियो को अल्वी ने श्रीनगर में जारी विरोध प्रदर्शन के जरिए कश्मीर के हालात दिखाने की कोशिश की थी। अल्वी ने भारत को जम्मू कश्मीर पर अप्रत्यक्ष पर धमकी भी दी है। राष्ट्रपति अल्वी ने कहा है कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर और राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करके भारत आग से खेल रहा है। डॉक्टर अल्वी का कहना है कि यह एक ऐसी आग है जो भारत में धर्मनिरपेक्षता को जलाकर खाक कर देगी। अल्वी ने कहा कि भारत की सरकार को अगर यह लगता है कि आर्टिकल 370 को हटाकर वह यहाँ के हालात सुधार सकती है, तो वह जिंदगी भर मूर्ख बने रहना चाहते हैं।
रविवार (अगस्त 25, 2019) को इमरान सरकार में दूरसंचार मंत्री मुराद सईद ने भी कहा था कि उन्हें ट्विटर की ओर से एक नोटिस भेजा गया है, जिसमें भारतीय कानूनों के उल्लंघन का हवाला दिया गया है। गौरतलब है कि, कश्मीर को लेकर फेक न्यूज़ शेयर करने की वजह से पाकिस्तान में कई सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद किया गया है। ट्विटर की तरफ से 5 अगस्त के बाद से 200 पाकिस्तानी अकाउंट्स को सस्पेंड किया जा चुका है। पाकिस्तान सेना के मीडिया विंग आईएसपीआर के मेजर जनरल आसिफ गफूर इस पूरे विवाद के पीछे भारत का हाथ बताया था।