मोहम्मद रहीश ने हिन्दू परिवार के 5 लोगों की कर दी हत्या, 2 बच्चों को भी नहीं छोड़ा: छुट्टी बिताने आया था, बीवी संगीता देवी ने बताया बेगुनाह

पुलिस की गिरफ्त में आरोपित मोहम्मद रहीश इसूफ (साभार: एनजेडहेराल़्ड)

न्यजीलैंड (Newzeland) में रहने वाले फिजी के एक नागरिक का घिनौना चेहरा सामने आया है। 65 साल के मोहम्मद रहीश इसूफ को फिजी की अदालत (Court) ने एक हिंदू परिवार के पाँच लोगों की हत्या (Murder) के मामले में दोषी ठहराया है। अदालत ने पाया कि फिजी में जन्मा न्यूजीलैंड का नागरिक रहीश छुट्टी बिताने के लिए फिजी आया था, जहाँ उसने दो बच्चों समेत पाँच लोगों की हत्या कर दी थी।

इस मामले की सुनवाई फिजी के लौटोका हाईकोर्ट के जस्टिस तुशारा राजसिंघे ने की। घटना 26 अगस्त 2019 की है। जस्टिस तुशारा राजसिंघे ने सुनवाई के दौरान पाया कि इसूफ ने ही 63 वर्षीय निर्मल कुमार, उनकी पत्नी उषा देवी (54), उनकी बेटी नीलेशनी काला और नीलेशनी की दो बेटी सना (11) और 8 साल की समारा की हत्या जहर देकर की थी। मृतकों के शव 26 अगस्त 2019 को एक पहाड़ पर मिले थे। उस दौरान नीलेशनी काला की भतीजी समायरा कुमार शव के पास एकमात्र जीवित पाई गई थीं। उस दौरान समायरा की उम्र केवल एक साल थी। पोस्टमार्टम में भी परिवार को जहर देने की पुष्टि हुई थी। बहरहाल अब इस केस में लौटोका कोर्ट शुक्रवार (21 जनवरी 2022) को सजा सुनाएगी।

मृतक परिवार और हत्यारा पड़ोसी थे

हत्या का आरोपित व्यक्ति मोहम्मद रहीश इसूफ अपनी पत्नी संगीता देवी सहित न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में रहता है औऱ वहाँ वह बस ड्राइवर का काम करता है। उसका जन्म फिजी के नादी शहर में हुआ था, जहाँ इसूफ और मृतक निर्मल एक दूसरे के पड़ोसी थे। वे नादी के लीगलेगा बस्ती में रहते थे। इसूफ जब न्यूजीलैंड रहता था, तब निर्मल ही उसके घर की देखभाल करता था।

वहीं, इस हत्या का दोषी साबित होने के बाद इसूफ की बीवी संगीता देवी ने अपने पति को बेगुनाह बताया और कहा कि उसके साथ बड़ा अन्याय हुआ है। उसने कहा, “मैं दिल से जानती हूँ वो बुरा आदमी नहीं है।” उसने ये भी कहा कि कोर्ट के फैसले के खिलाफ अगले सप्ताह उसका वकील अपील दायर करेगा।

मृतक परिवार को सबसे पहले देखने वाले स्थानीय किसान सेतरेकी नलगा ने कहा कि उन्होंने ने ही सबसे पहले बच्ची समायरा को देखा था। नलगा ने बताया, “मैंने कई बार आवाज दिया, जिसके बाद बच्ची ने मेरी ओर मुड़कर देखा। मैं यहाँ शुरू से रह रहा हूँ। ये सामान्य बात नहीं थी।” नलगा के मुताबिक, चट्टान के ऊपर शवों को एक पैटर्न में रखा गया था। वहीं पर नीलेशनी कला का शरीर बाकी बॉडीज से करीब 20 मीटर की दूरी पर पड़ा हुआ था। उनके हाथ में कोक की एक बोतल थी, लेकिन उसमें लेबल नहीं थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया