आतंकियों-वामपंथियों की राह पर उद्धव ठाकरे, भाजपा पर कॉमेंट में गौमूत्र का सहारा: अमित शाह बोले थे – ‘बाला साहेब ठाकरे की विरासत नहीं संभाल पाए’

सिंधुदुर्ग में जनसभा को संबोधित करते उद्धव ठाकरे (फोटो साभार X_ShivSenaUBT_)

महाराष्ट्र की राजनीति में हिंदुत्व पर फिर से जोर बढ़ गया है। बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना का नाम, निशान सब गवाँ चुके उद्धव ठाकरे ने दावा किया है कि उनकी यूबीटी असली हिंदुत्व की राजनीति करती है। उनकी पार्टी सुधारवादी हिंदुत्व की बात करती है, जबकि बीजेपी का हिंदुत्व गौमूत्रधारी है। उद्धव ठाकरे ठीक वैसी ही भाषा और शब्दावली का उपयोग कर रहे हैं, जिस भाषा और शब्दावली का उपयोग आतंकवादी, वामपंथी और इस्लामिक गिरोह हिंदुत्व पर निशाना साधने के लिए करता है, भले ही वो पाकिस्तानी ही क्यों न हों।

खास बात ये है कि उद्धव ठाकरे ने ये बातें तब कही हैं, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन पर हिंदुत्व से मुँह फेरने का आरोप लगाया था। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि ये कैसे शिवसेना वाले हैं, जो वीर सावरकर का नाम नहीं ले पाते। वो तो बाला साहेब ठाकरे की विरासत भी नहीं संभाल पाए। बाला साहेब ठाकरे की असली विरासत नारायण राणे, एकनाथ शिंदे और राज ठाकरे जैसे नेता संभाल रहे हैं।

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में शुक्रवार (03 मई 2024) को रैली को संबोधित किया। सिंधुदुर्ग के कंकावली में रैली को संबोधित करने के दौरान उन्होंने गौमूत्रधारी वाली टिप्पणी की। उद्धव ने कहा कि ‘भाजपा का हिंदुत्व गौमूत्रधारी है। हमारा हिंदुत्व सुधारवादी है। जब इंडी गठबंधन सत्ता में आएगा, तो मैं सुनिश्चित करूँगा कि महाराष्ट्र का खोया हुआ गौरव पुनः प्राप्त हो जाए।’ इस दौरान उन्होंने केंद्र पर महाराष्ट्र को ‘लूटने’ का भी आरोप लगाया। उद्धव ठाकरे पहले भी ऐसी शब्दावली का इस्तेमाल कर चुके हैं।

बता दें कि शुक्रवार को ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उद्धव ठाकरे पर हमला बोला था। उन्होंने मंच से सवाल किया था ‘क्या वह (उद्धव ठाकरे) अपने भाषणों में स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व विचारकर वीर सावरकर का नाम ले सकते हैं? आप (उद्धव) कैसे शिवसेना के मुखिया हैं, जो सावरकर का नाम लेने में आपको शर्म आती है। आप ने नकली शिवसेना चला रहे हैं। असली शिवसेना तो एकनाथ शिंदे (महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री) के साथ है।’ उन्होंने उद्धव पर बाला साहेब ठाकरे की विरासत को न संभाल पाने का आरोप लगाया।

आतंकियों-इस्लामिक कट्टरपंथियों और वामियों की भाषा बोल रहे ठाकरे?

बता दें कि हिंदुओं पर हमला करने से पहले इस्लामिक आतंकवादी अक्सर ‘गोमूत्र’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं। 2019 में, एक आत्मघाती हमले में पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ने कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवानों को मार डाला था। हमले के बाद, एक वीडियो जारी किया गया था जिसमें आतंकवादी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह अल्लाह के नाम पर ‘गोमूत्र पीने वालों’ को दंडित करना और मारना चाहता है। आदिल अहमद डार उर्फ वकास के रूप में पहचाने गए आतंकवादी को यह स्वीकार करते हुए देखा गया कि वह एक साल पहले जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। वीडियो में, उसने भारतीयों को “गाय का पेशाब पीने वाले” (गोमूत्र पीने वाले लोग) के रूप में संदर्भित किया था।

पुलवामा हमले के बाद भारत के इस्लामिक कट्टरपंथियों ने भी गौमूत्र वाली भाषा का इस्तेमाल किया था। तो महुआ मोइत्रा जैसे नेता भी हिंदुत्व पर हमले के लिए इसी शब्दावली का इस्तेमाल करते रहे हैं। यही नहीं, इस्लामिक कट्टरपंथी विचारधारा से लैस सरकारी मुलाजिम एक मुस्लिम महिला आईपीएस असलम खान ने भी इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया