‘क्या मदर टेरेसा जैसे इस्लाम न मानने वाले लोग जहन्नुम जाएँगे?’: भगोड़े जाकिर नाइक का मजेदार जवाब ला सकता है पेट में मरोड़

जाकिर नाइक (फाइल फोटो)

भगोड़े इस्लामवादी और घृणास्पद उपदेशक जाकिर नाइक ने दावा किया कि ईसाई धर्म प्रचारक मदर टेरेसा गैर-मुस्लिम होने के कारण जहन्नुम में जाएँगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या मदर टेरेसा जैसे ‘धर्मी’ और ‘अच्छे’ लोगों को गैर-मुस्लिम होने के बावजूद वो जहन्नुम में जाएँगी, उन्होंने जवाब में कहा, “जन्नत (स्वर्ग) जाने के चार रास्ते हैं। समय के टोकन से, जो धर्मी हैं, जो दावा (Dawah) करते हैं और जो लोगों को धैर्य और दृढ़ता के लिए प्रेरित करते हैं। जन्नत जाने के लिए न्यूनतम चार मानदंड आवश्यक हैं।”

ज़ाकिर नाइक ने 10 वीं कक्षा में पढ़ाए जाने वाले विषयों से ‘जन्नत के चार चरणों’ की तुलना की। उसने इस बात पर जोर दिया कि भले ही किसी को 5 विषयों में 99 अंक मिले हों और सिर्फ एक विषय में 10 अंक हासिल करने में सफल रहा हो, तो, इसका अर्थ यह होगा कि छात्र असफल हो गया है। अपने तर्कहीन तर्क को जारी रखते हुए, नाइक ने दावा किया कि जन्नत सभी चार चरणों के सफल समापन पर ही प्राप्त किया जा सकता है।

(Video Courtesy: Youtube/Zakir Naik)

उन्होंने कहा, “मान लीजिए कि मदर टेरेसा धर्मी थीं। इस्लाम में, धर्मी लोगों में बहुत सी चीजें शामिल हैं जो मुझे विश्वास है कि मदर टेरेसा के पास नहीं थी। ईमान (इस्लाम में आस्था) के बारे में क्या? अगर वह शिर्क (इस्लाम के अलावा किसी भी मजहब का पालन करता है तो यह प्रतिबंधित है)” उन्होंने कहा कि शिर्क करना इस्लाम और ईसाई धर्म के अनुसार एक अपराध है। नाइक ने अपने सामान्य अंदाज में बुक ऑफ ड्युटेरोनॉमी, बुक ऑफ एक्सोडस और सूरह अल मदीह का हवाला दिया।

घृणा फैलाने वाले इस्लामी उपदेशक ने दावा किया कि वे सभी जो ईसा मसीह (मरियम के पुत्र) को ‘अल्लाह’ मानते हैं, वह उसके लिए जन्नत को ‘हराम’ बना देगा। जाकिर नाइक ने इस्लाम का हवाला देते हुए कहा, “आग (जहन्नुम) उसके रहने की जगह होगी और उसके बाद उसकी कोई मदद नहीं की जाएगी।” इसके बाद उसने निष्कर्ष निकाला कि मदर टेरेसा ने यीशु मसीह को भगवान के रूप में माना और इस प्रकार उसे ‘अल्लाह’ के बराबर रखा। इसलिए, कुरान के अनुसार, अगर कोई शिर्क करता है, तो वह मदर टेरेसा हो या कोई और हो, वे जन्नत नहीं जाएगा।

गौरतलब है कि पिछले दिनों जाकिर नाइक का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसे यह कहते हुए सुना गया था कि मैरी क्रिसमस कहना हराम है, इसके लिए जहन्नूम में जाना होगा। वीडियो में कट्टरपंथी जाकिर कहता है, “अपने उद्देश्य तक पहुँचने के लिए तुम गलत ज़रिया नहीं चुन सकते हो। जो उनके लिए हराम है वह तुम्हारे लिए भी हराम है। जब तुम किसी को मैरी क्रिसमस कहते हुए इसकी बधाई देते हो तो इसका मतलब है कि तुम स्वीकार कर रहे हो कि वो (जीसस) भगवान की संतान है और ऐसा करना शिर्क (पाप) है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहाँ के लोग मानते हैं कि जीसस क्राइस्ट भगवान की संतान हैं। चाहे वह ईसाई धर्म से जुड़ी प्रक्रियाओं का हिस्सा हों या नहीं, वो लोग इसलिए ख़ुशी मनाते हैं क्योंकि यह जीसस का जन्मदिन है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया