नेपाल में अब ‘लाल सलाम’ नहीं, अपनों को ‘सड़ा हुआ फल’ ब​ता रहे कॉमरेड: खिसियानी ओली, प्रचंड और माधव को नोचे

नेपाल के प्रधानमंत्री ओली (फाइल फोटो)

नेपाल में शनिवार (जनवरी 2, 2021) को कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के सक्रिय कैडरों की बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और माधव कुमार नेपाल भी शामिल हुए। इस दौरान पीएम ओली ने मजाक-मस्ती में ही दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों की निंदा की और उन पर उन्हें अपदस्थ करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने बैठक में दोनों पूर्व पीएम के लिए ‘सड़े हुए आम जो गिर पड़े हैं’ वाली कहावत का प्रयोग किया।

इस बैठक के बारे में नेपाल के अख़बार ‘द हिमालय टाइम्स’ ने खबर प्रकाशित की है। बैठक में पीएम ओली ने कहा, “नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में दो नट-बोल्ट ऐसे थे, जिनमें जंग लग गई थी। जब से वो ढीले पड़ कर गिर गए हैं, तब से NCP का कामकाज भी ठीक हो गया है।” ओली ने बताया कि NCP के उनके विरोधी गुट ने संगठन का वैध नेतृत्व होने का दावा किया है, जिस बारे में उन्हें तब पता चला जब चुनाव आयोग ने उन्हें इससे सम्बंधित पत्र भेजा।

उन्होंने पूछा कि क्या किसी मकान मालिक के लिए ये अनिवार्य है कि वो अपने ही घर पर दावा करने के लिए एप्लिकेशन फाइल करे? उन्होंने कहा, “इस पार्टी को हमने बनाया है। हमें किसी की अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है। दो सड़े हुए फल जो गिर चुके हैं, अब वो पूरे पेड़ का मालिक होने का दावा ठोक रहे हैं।” उन्होंने सड़क पर उतर कर संसद भंग करने के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर भी विरोधी गुट को आड़े हाथों लिया।

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नेपाल के पीएम ओली ने दावा किया है कि NCP का वो गुट ही वैध है, जिसका नेतृत्व वो करते हैं। ओली ने दावा किया कि उन्होंने किसी को भी अपने पद से नहीं हटाया है, चाहे वो सह-अध्यक्ष प्रचंड हों या माधव या फिर झलनाथ खनाल। वहीं उप-प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल ने भी दोनों नेताओं पर पीएम ओली को हटाने के लिए पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया। ये बैठक काठमांडू में हुई, जिसमें काफी गहमा-गहमी रही।

उधर राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहे नेपाल में संवैधानिक राजतंत्र और हिंदू राष्ट्र की माँग जोर पकड़ रही है। इसके समर्थन में राजधानी काठमांडू की सड़कों पर मार्च निकाला गया। पूर्व उप-प्रधानमंत्री कमल थापा ने संवैधानिक राजतंत्र (Constitutional Monarchy) बहाल करने और नेपाल को पुनः हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की माँग की है। उन्होंने माँग पूरी नहीं होने पर बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।  

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया