बाइक पर सवार होकर गाँवों में घुसे बंदूकधारी, 137 लोग मार गिराए: इस्लामी कट्टरपंथ से त्रस्त है नाइजर

प्रतीकात्मक तस्वीर (साभार: पत्रिका)

अफ्रीकी देश नाइजर में माली सीमा के समीप बसे गाँवों में मोटरबाइक से आए बंदूकधारियों ने कम से कम 137 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। सरकारी प्रवक्ता अब्दुर्रहमान जकारिया ने रविवार (मार्च 21, 2021) को सभी हत्याओं की पुष्टि की। इससे पहले टोचंबांगो (Tchombangou ) और ज़ारुमदारेई (Zaroumdareye) के पश्चिमी गाँवों में कम से कम 100 लोग मारे गए थे। 

नाइजर में ऐसे हमले राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा और मोहम्मद बजूम (Mohamed Bazoum) के राष्ट्रपति नियुक्त होने के बाद से तेज हुए हैं। जिस दिन सरकारी प्रवक्ता ने हालिया हत्याओं की पुष्टि की उस दिन बजूम को नाइजर की संवैधानिक अदालत में आधिकारिक तौर पर फरवरी के चुनावों का विजेता करार दिया गया था। इसी प्रकार जनवरी में भी जब दो गाँवों में कम से कम 100 लोग मारे गए थे उस दिन राष्ट्रपति चुनावों की तारीख की घोषणा हुई थी।

हालिया हमलों की जिम्मेदारी फिलहाल किसी समूह ने नहीं ली है। लेकिन माली और नाइजर की सीमा पर बसे गाँवों में अक्सर इस्लामी कट्टरपंथी अपना कहर बरपाते रहते हैं। इस बार भी संदेह उन पर ही है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि हथियारबंद लोग मोटरसाइकिल पर आए और हर उस चीज पर गोली चलाई, जो हिल रही थी। आतंकियों ने जिन गाँवों पर हमला किया, वह टाहौआ क्षेत्र में आते हैं। इस्लामी कट्टरपंथी नाइजर के गाँवों में हमले करते हैं जिसके कारण अब तक यहाँ हजारों लोग मारे जा चुके हैं। हिंसा से त्रस्त होकर 50 लाख से ज्यादा अपना घर छोड़ चुके हैं।

नाइजर के अलावा बुर्किना फासो और माली भी इसी संघर्ष से सालों से जूझ रहे हैं। यहाँ इस्लामी स्टेट और अलकायदा का कहर ज्यादा है। इन आतंकी समूहों ने हजारों की जान ली हैं।

उल्लेखनीय है कि बीते हफ्ते 15 मार्च को तिलाबेरी क्षेत्र में जेहादियों ने दुकानदारों को लेकर जा रही बस को किडनैप कर लिया था और 66 लोगों को मार डाला था। इसके बाद उन्होंने डारे-डे गाँव में हमला बोला। जहाँ लोगों को मारा गया और दुकानों को आग लगाई गई। 2 जनवरी को भी दो गाँवों पर हमला हुआ था। जहाँ 100 लोगों को मौत के घाट उतारा गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया