प्रधानमंत्री निवास की भैंसे नीलाम कर और नान-रोटी के दामों से अर्थव्यवस्था सुधारने की कोशिश कर रहे इमरान खान ने जम्मू-कश्मीर पर भारत के शख्त निर्णय के बाद पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र में भारत को धमकी दी थी कि इसका अंजाम हिंदुस्तान को पुलवामा जैसे हमलों से भुगतना पड़ेगा, लेकिन अब वह खुद रक्षात्मक बैकफ़ुट पर आ गए हैं। पाकिस्तान ने पुलवामा का मज़ा चखाने के लिए हुई बालाकोट एयर-स्ट्राइक जैसे किसी कदम की पुनरावृत्ति की आशंका में अपनी वायुसीमा फिर से हिंदुस्तानी नागरिक हवाई जहाजों के लिए बंद करने की घोषणा की है।
टाइम्स ऑफ़ इस्लामाबाद में छपी एक खबर में पाकिस्तान एयर लाइन्स के प्रवक्ता मशूद तजवार के हवाले से दावा किया गया है कि चूँकि पाकिस्तान फरवरी के बालाकोट हमले जैसी प्रतिक्रिया से सशंकित है, इसलिए अपनी वायुसीमा को बंद करना ज़रूरी समझता है। उनके हवाले से दावा यह भी किया गया है कि हिंदुस्तान के लिए अपनी एयर-स्पेस खोलने का पाकिस्तान एयर लाइन्स को कोई खास फ़ायदा नहीं हुआ है। हिंदुस्तान जाने वाली फ्लाइटें चलाना कम यात्रियों के चलते घाटे का सौदा है।
https://twitter.com/Jan_Achakzai/status/1158830967647326210?ref_src=twsrc%5Etfwअपने इस ट्वीट में बीबीसी से जुड़े रहे पत्रकार जान अचाकज़ाई दावा करते हैं पाकिस्तान ने अपनी हवाई सीमा बंद करने के अलावा अपने हाई कमिश्नर को हिंदुस्तान न लौटने का निर्देश दिया है।
‘ऑपरेशन बंदर’ के छद्म-नाम से हुए बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तान ने अपनी हवाई सीमा हिंदुस्तानी हवाई जहाजों के लिए बंद कर दी थी। एक तरफ वह दावा करता रहा कि हिंदुस्तान की वायु सेना ने ‘केवल कुछ पेड़ जलाए’, दूसरी ओर हवाई सीमा खोलने के लिए शर्त भी लगा दी थी कि हिंदुस्तान वादा करे कि बालाकोट जैसा हमला दोबारा नहीं होगा। जुलाई में जाकर उसने अपनी वायु-सीमा फिर से खोली।