न कश्मीर मुद्दे पर मिला साथ, न टारगेट किलिंग का प्रोपगेंडा आया काम: पाकिस्तान ने भारत पर उठाए सवाल तो सऊदी अरब से लेकर US तक हुई फजीहत

सऊदी अरब और अमेरिका से पाकिस्तान की फजीहत

भारत के खिलाफ बयानबाजी करने पर पाकिस्तान को सऊदी अरब से लेकर अमेरिका तक से मुँह की खानी पड़ रही है। सऊदी अरब में तो पाकिस्तान ने अपना पुराना रोना रोते हुए कश्मीर पर मुद्दा उठाया तो वहाँ से जवाब मिला कि वो जाकर इस बारे में भारत से बात करें। वहीं अमेरिका ने भी पाकिस्तान के उन दावों पर बनी ‘द गार्जियन’ की उस रिपोर्ट कुछ बोलने से मना किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत पाकिस्तान में घुसकर लोगों को मार रहा है।

सऊदी अरब ने साथ देने से किया मना

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सऊदी अरब के दौरे पर गए हैं। शरीफ ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने पहले तो अपने मुल्क की आर्थिक सहायता के लिए मोहम्मद बिन सुलेमान से गुहार लगाई। इसके बाद जब ये माँग सुन ली गई तो कश्मीर पर यूएन में उनकी ओर से बोलने को कहा।

इस सऊदी के प्रिंस ने कहा, “कश्मीर का मुद्दा पाकिस्तान और भारत के बीच का है और दोनों देशों को बातचीत से इसे सुलझाना चाहिए।” उनके इस बयान के बाद इसे पाकिस्तानी नागरिक खुद अपनी फजीहत मान रहे हैं। एक यूट्यूबर से बात करते हुए एक पाकिस्तानी ने कहा कि ये मामला पाकिस्तानी, भारतीय या किसी अन्य के हाथ में नहीं होना चाहिए, कश्मीर के लोग क्या चाहते हैं इस पर होना चाहिए।

अमेरिका ने की फजीहत

बता दें कि जैसे भारत की बात आने पर सऊदी ने पाकिस्तान का साथ नहीं दिया है वैसे ही द गार्जियन की रिपोर्ट में पाकिस्तानियों के पक्ष को अमेरिका के राज्य विभाग ने कोई तवज्जों नहीं दी। भारत पर लगाए गए टारगेट किलिंग के इल्जाम पर विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, “इस मसले में हम मीडिया रिपोर्टों को देख कर रहे हैं। आंतकियों की मौत में भारत की संलिप्तता पर हमारी कोई टिप्पणी नहीं है। लेकिन हम दोनों पक्षों को तनाव से बचने और बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

गौरतलब है कि पिछले दिनों द गार्जियन ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें पाकिस्तानियों के हवाले से दावा किया गया था कि भारत, पाकिस्तान में आतंकियों को मरवा रहा है। उसकी संलिप्ता 20 से ज्यादा हत्याओं में हैं। द गार्जियन और पाकिस्तान का मकसद था कि शायद ऐसी रिपोर्ट से भारत की बदनामी होगी लेकिन इस रिपोर्ट को पढ़कर भारतीय अपने देश की सरकार की और तारीफें करने लगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया