13 साल की बच्ची को अगवा कर इस्लाम कबूल करवाया, 4 बच्चों के बाप शाहिद से निकाह

13 साल की ईसाई लड़की को इस्लाम कबूल करवाया

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की एक और घटना प्रकाश में आई है। गुजरांवाला में पिछले माह एक 13 साल की नाबालिग का अपहरण हुआ था। बच्ची के माता-पिता रो रोकर उसकी वापसी की माँग कर रहे हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि उनकी बेटी इस्लाम कबूल कर चुकी है और मुस्लिम व्यक्ति से उसका निकाह हो गया है।

वायस ऑफ पाकिस्तान माइनॉरिटी, के अकाउंट पर इस संबंध में एक क्लिप शेयर की गई है। इसमें लिखा है कि नाबालिग का अपहरण कर उससे जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया और बाद में 4 बच्चों के पिता से निकाह के लिए मजबूर किया गया। क्लिप में नाबालिग की माँ रो रोकर अपनी बेटी की बात बता रही है। वहीं पिता बता रहे हैं कि कैसे सद्दाम नाम के एक शख्स ने कुरान पाक की कसम खाकर उनकी बेटी को काम पर लगवाया। लेकिन बाद में उसका अपहरण कर लिया गया।

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वीडियो पिता बताते हैं कि सद्दाम ने उनसे कहा, “मेरे पास वर्कर कम हैं। अपनी बेटी को मेरे साथ भेज दिया करें।” लड़की के पिता ने सद्दाम को मना किया कि ऐसे सही नहीं लगता है। इस पर सद्दाम ने कहा कि जैसे उसकी चार बेटियाँ हैं, वैसे ही वो उनकी बेटी को रखेगा। इसके बाद भी पिता नहीं माने। सद्दाम अगली बार लड़की की माँ से मिला और कुरान पाक की कसम खाई और कहा, “जैसे मेरी 4 बेटी है, उसी तरह ये भी मेरी 5वीं बेटी है।”

क्लिप में बताया गया है कि 20 मई 2021 को नाबालिग काम पर गई, लेकिन दोबारा वापस घर पर नहीं आ पाई। घरवालों ने पुलिस में शिकायत लिखवाई। साथ ही सद्दाम से पूछा। लेकिन उसने अंजान बनकर मामले से पल्ला झाड़ लिया। बाद में पुलिस ने बताया कि उनकी बेटी दारुल अमान में है और उसने इस्लाम कबूल कर शाहिद से निकाह कर लिया है।

लड़की के पिता कहते हैं कि बेटी से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। उन्हें नहीं मालूम कि बेटी जिंदा है या मार दी गई। वहीं लड़की की माँ ने बताया, “उसके दादा का देहांत हो गया है। इस बात की जानकारी भी उसे दी गई लेकिन इस पर उसने (लड़की) ने कहा कि ऐसा सोच लें कि जहाँ दादा चले गए हैं, वहीं मैं भी चली गई हूँ।”

गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान में एक हिंदू लड़की के अपहरण का मामला प्रकाश में आया था। वहाँ एक नाबालिग हिंदू लड़की को इ्स्लामी कट्टरपंथियों ने किडनैप कर 4 दिन तक उसके साथ गैंगरेप किया था। बाद में बताया गया था कि जब बच्ची का रेप किया जा रहा था, तो वो कलमा पढ़ रही थी। बलात्कारियों का कहना था कि वो कलमा पढ़ चुकी है, इसलिए उसे अब काफिरों (अपने हिंदू माँ-पिता) के पास लौटने का कोई अधिकार नहीं है। रेप पीड़िता बच्ची को इन्हें ही सौंप दिया जाए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया