कश्मीरी अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी को Pak का सर्वोच्च सम्मान, उसके नाम पर यूनिवर्सिटी भी

पाकिस्तान ने सैयद अली शाह गिलानी को अपने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा

पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को अपने मुल्क के सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाक से नवाजा है। साथ ही उसके नाम पर विश्वविद्यालय बनाने का भी निर्णय लिया गया है। 90 साल के सैयद अली शाह गिलानी ने हाल ही में अलगाववादी संगठनों से खुद को अलग करते हुए रिटायरमेंट की घोषणा कर दी थी। अब पाकिस्तान ने अपने प्यादे को सम्मानित किया है।

भारत-विरोधी बयानों के लिए कुख्यात हुर्रियत नेता सैयद आली शाह गिनानी इससे पहले भी पाकिस्तान के पक्ष में बयान देता रहा है। पाकिस्तानी सीनेटर मुस्तक अहमद ने गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान देने का प्रस्ताव लाया, जिसे पाकिस्तान की संसद ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। ये पाकिस्तान का सबसे बड़ा सिविलियन अवॉर्ड है। जम्मू कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों के लिए उसे ये अवॉर्ड दिया गया है।

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हाल ही में सैयद अली शाह गिलानी ने अलगाववादी संगठनों के फोरम हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को अलविदा कह दिया था। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के साथ ही हाउस अरेस्ट किए गए गिलानी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दे दिया था। हालाँकि, गिलानी ने इस्तीफे के कारणों का जिक्र नहीं किया था और कहा था कि कुछ ऐसे मुद्दे थे, जिनके कारण उन्हें इस्तीफा देने के लिए बाध्य होना पड़ा

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पिछले साल अप्रैल में सैयद अली शाह गिलानी पर आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली की संपत्ति को सीज कर दिया था। आयकर विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली के मालवीय नगर के खिड़की एक्सटेंशन स्थित प्रॉपर्टी को सीज कर दिया था। विभाग के कर वसूली अधिकारी (टीआरओ) ने 1996-97 से लेकर 2001-02 के बीच गिलानी द्वारा ₹3.62 करोड़ आयकर का भुगतान करने में विफल रहने पर इस घर को सील किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया