मुस्लिम महिला ने कुरान जलाया, अशोक पर लगा दिया ईशनिंदा का आरोपः सैकड़ों की भीड़ ने घर घेरा, सर तन से जुदा के लगे नारे; पाकिस्तान के हैदराबाद का Video वायरल

पाकिस्तान में हिंदू युवक को मारने के लिए जमा हुई भीड़ (फोटो साभार: वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट)

पाकिस्तान के हैदराबाद में एक हिंदू युवक पर कुरान का अपमान करने का आरोप लगाकर उसे मारने की माँग की जा रही है। सामने आई वीडियोज में युवक के घर के बाहर सैंकड़ों की तादाद में खड़े कट्टरपंथियों को ‘सर तन से जुदा’ का नारा देते सुना जा सकता है। ये भीड़ युवक के घर में घुसकर उसको मारने की माँग कर रही थी और पुलिस से भी चहती थी कि वो हिंदू युवक को भीड़ को सौंपें।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंदू युवक की पहचान अशोक कुमार के तौर पर हुई है। वह हैदराबाद के सदर में राबिया सेंटर पर सफाईकर्मी का काम करता है। पुलिस ने उसके खिलाफ ईशनिंदा कानून की धारा 295 बी के तहत केस को दर्ज किया है। शिकायत देने वाला एक दुकानदार बिलाल अब्बासी है।

अब्बासी ने ही पुलिस में कहा कि सफाईकर्मी अशोक ने कुरान का अपमान किया। इसके बाद पुलिस सफाईकर्मी को पकड़ने उसके घर गई, लेकिन तब सैंकड़ों लोग सड़कों पर इकट्ठा हो गए। इन लोगों की माँग थी कि बस अशोक को उनके हाथ में सौंप दिया जाए। भीड़ का नारा था- ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा सर तन से जुद, सर तन से जुदा।’

हैदराबाद में बिगड़ते हालात को देखने के बाद पुलिस ने भीड़ पर लाठी चार्ज किया और आँसू गैस भी छोड़े। लेकिन भीड़ तितर-बितर होकर भी अशोक को मारने की माँग करती रही। इसके बाद पुलिस ने अशोक को गिरफ्तार कर लिया।

बताया जा रहा है कि वास्तविकता में एक मुस्लिम महिला ने कुरान की प्रति को जलाया था, अशोक ने नहीं। मगर हिंदू सफाईकर्मी से बिलाल अब्बासी की पहले से कोई लड़ाई थी। इसी के चलते अब्बासी ने अशोक पर ईशनिंदा जैसा गंभीर इल्जाम लगाया और हिंदू युवक समेत उसके पूरे परिवार को खतरे में डाल दिया।

बता दें कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने का एक ढंग यह भी है कि उन पर ईशनिंदा का इल्जाम लगा दिया जाए। इसके बाद क्या होता है, वो सब जानते ही हैं। कुछ को बेरहमी से सड़क पर मौत के घाट उतार दिया जाता है तो कुछ लोगों को अदालत के जज मौत की सजा सुना देते हैं।

सेंटर फॉर रिसर्च एंड सेक्योरिटीस स्टडीज जैसा थिंकटैंक बताता है कि 1947 से लेकर अब तक 1415 मामले हैं जब पाकिस्तान में ईशनिंदा के केस रिपोर्ट हुए। इनमें 18 महिलाएँ और 71 आदमियों को कानून ने मौत की सजा सुनाई। वहीं असली संख्या अनुमान से कही ज्यादा हो सकती है।

पाकिस्तान में ईशनिंदा के इल्जाम के अलावा अपहरण, हत्या, धर्मांतरण वो तरीके हैं जिनसे अल्पसंख्यकों को सताया जाता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया