फैक्ट चेक: मेघालय में गिरा बीएसएफ़ का बस: पाक ने फैलाया झूठ, कहा- हमने एंडियन आर्मी को मार गिराया

मेघालय, की जयंतिया पहाड़ियाँ, जहाँ यह हादसा हुआ, पाकिस्तान सीमा से 1800 किलोमीटर से अधिक दूर है (तस्वीर न्यूज़वन से साभार)

पाकिस्तान भारत को उकसाने वाली अलग-अलग तरह की हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा है। कभी वह ख़ालिस्तानी आतंकवादी भिंडरावाले का इस्तेमाल करतारपुर कॉरिडोर के अपने वीडियो में करता है, तो कभी वह भारत को नीचा दिखाने के लिए कश्मीर पर समर्थन की भीख माँगने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से लेकर एक-एक देश के नेताओं के दरवाजे तक खटखटाने लगता है।

इसी तरह की एक ओछी हरकत को अंजाम देते हुए पाकिस्तान ने भारत में, भारत-पाकिस्तान सीमा से हज़ारों किलोमीटर दूर हुए एक हादसे को अपनी सेना की बहादुरी और भारत की शिकस्त बताते हुए प्रोपेगंडा करने की कोशिश की है।

https://twitter.com/AjitsinhJagirda/status/1192121310949736448?ref_src=twsrc%5Etfw

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार असल में 31 अक्टूबर, 2019 को बीएसएफ का एक बस मेघालय की पूर्वी जयंतिया पहाड़ियों में सड़क हादसे का शिकार हो गया था जिसमें 1 जवान की मृत्यु हो गई थी और 20 अन्य घायल हुए थे। पाकिस्तान की सेना के प्रोपेगंडा को आगे बढ़ाने वाले ट्विटर हैंडलों, जिनमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ़ पार्टी का प्रोपेगंडाबाज अदनान मुग़ल शामिल है, ने खबर उड़ानी शुरू कर दी कि पाकिस्तानी सेना ने इस बस को एलओसी पर मार गिराया है और इसमें भारतीय सेना के सैनिक बैठे हुए थे।

https://twitter.com/CatchNews/status/1192323066430279680?ref_src=twsrc%5Etfw

इस पर एक ट्विटर यूज़र ने पाकिस्तानियों पर तंज़ कसते हुए कहा कि उनके खुद के पीएम और उनकी खुद की सेना ने पहले ही उनका इंटरनेट सीमित कर रखा है। बचे-खुचे का पाकिस्तानियों को सदुपयोग करना चाहिए, दुरुपयोग नहीं।

https://twitter.com/sachinshah78/status/1190992031524347905?ref_src=twsrc%5Etfw

गौरतलब है कि पाकिस्तान की प्रोपेगंडा मशीन का मुख्य इंजन ट्विटर हैंडल इंटर सर्विसेज़ पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) है, जिसके मुखिया जनरल आसिफ गफूर हैं। जनरल ग़फ़ूर खुद भारत के खिलाफ अकसर झूठ फैलाते पकड़े जाते हैं। जुलाई में उन्होंने रिटायर्ड एयर मार्शल डेन्ज़िल कीलोर का डॉक्टर्ड (छेड़-छाड़ किया हुआ) वीडियो शेयर किया था, इसमें 62 के युद्ध में हिंदुस्तानी फ़ौज को हुई कुछ ऐसी जान की हानि के किस्सों की बात की जा रही है, जिनसे शायद बचा जा सकता था। उसे गफूर ने उनका बालाकोट के बारे में बयान बताया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया