हाल-फ़िलहाल में पाकिस्तान राष्ट्र से अधिक मीम लगने लगा है। राष्ट्रीय कर्ज़ा गधे और भैंसें बेच कर उतारा जा रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान हिंदुस्तान को परमाणु युद्ध की धमकी देने के साथ उसी साँस में नान और टिमाटर के दाम तय करने के लिए मंत्रियों से लेकर सेना तक से सलाह-मशविरा करते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी कोई सुनवाई नहीं है जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर और अब हालत यह है कि कराची में कूड़े पर भिनभिना रही मक्खियों से निबटने के लिए संघीय मंत्री, सिंध के मुख्यमंत्री और कराची के मेयर तीनों संघर्ष कर रहे हैं।
दस सड़कें साफ़ कर लेना उपलब्धि होगी
पाकिस्तान के समा टीवी की वेबसाइट ने संघीय समुद्री मामलों के मंत्री (चूँकि कराची बंदरगाह का शहर है) अली ज़ैदी के हवाले से कहा है कि कराची जैसे बड़े शहर में दस सड़कें भी साफ़ कर लेना ‘बड़ी उपलब्धि’ होगी। मक्खियों से शहर को निजात दिलाने के लिए सिंध के मुख्यमंत्री को खुद निर्देश देना पड़ा कि वहाँ फ्यूमिगेशन जैसे मूलभूत एहतियाती कदम उठाए जाएँ। इसके बाद भी उन्हें कराची के मेयर को बैठक के लिए बुलाना पड़ रहा है।
https://twitter.com/murtazawahab1/status/1164562909680345088?ref_src=twsrc%5Etfwइसके पहले पाकिस्तान के मंत्री कितने खलिहर हैं, इसका नज़ारा एक ट्विटर यूज़र ने पेश किया था। उसने पाकिस्तान के संघीय साइंस एन्ड टेक्नोलॉजी मंत्री चौधरी फ़वाद हुसैन के ब्लू-टिक वाले, ‘वेरिफाइड’ ट्विटर अकाउंट पर संदेश भेज कर पाकिस्तान में रह रहे R&AW ऑपरेटिव की पहचान बताने का लालच दिया। और उसके बाद शश नामक ट्विटर यूज़र ने उन्हें सलमान खान, जॉन अब्राहम और सैफ़ अली खान का फ़ोटो भेजकर काफ़ी देर मजे लिए।
यही नहीं, पाकिस्तान ऐसे आर्थिक संकट से गुज़र रहा है कि वहाँ सरकारी दफ्तरों में केवल एक ही समाचारपत्र रखने, नई गाड़ियों की खरीद पर रोक जैसे कदम उठाने पड़ रहे हैं। इसके बाद भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री देश की आर्थिक हालत सुधारने पर बहस की बजाय अपनी संसद में हिंदुस्तान को परमाणु हमले की धमकी देने में अपने करदाताओं के टैक्स से खरीदा बहुमूल्य समय बर्बाद कर रहे हैं।