पाकिस्तान में रोटी के भी पड़े लाले, अब आटे के चढ़ते भाव ने बढ़ाई इमरान की टेंशन

इमरान के राज में अब रोटी के लाले

पाकिस्तान इन दिनों लगातार बढ़ती महॅंगाई से जूझ रहा है। पड़ोसी मुल्क में रोटी का संकट गहरा गया है। गेंहूँ की किल्लत से आटे के दाम आसमान छू रहे हैं। इससे आर्थिक मोर्चों पर पहले से ही जूझ रही इमरान खान सरकार की टेंशन और बढ़ गई है।

गेहूॅं की भयंकर किल्लत से सरकार को कोई उपाय नहीं सुझ रहा। आटे की कीमतों पर काबू पाने की बजाए सरकार और अन्य पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा में ढाबे और रेस्तरां के मालिकों ने सोमवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। साथ ही कहा है कि सरकार पुराने रेट पर आटा मुहैया कराए या फिर उन्हें नान और रोटी की कीमतों को बढ़ाने की इज़ाजत दे। इतना ही नहीं होटल मालिकों ने इमरान सरकार को आटे की कीमतें कम करने के लिए 5 दिनों का अल्टीमेटम भी दिया है।

डॉन के अनुसार आटे का संकट सभी चारों प्रांतों और राजधानी इस्लामाबाद में एक जैसी है। इस संकट पर शनिवार को सियासत तब तेज हो गई जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की अगुवाई वाली संघीय और पंजाब तथा खैबर पख्तूनवा की प्रांतीय सरकारों ने इसका दोष पाकिस्तान पीपल्स पार्टी(पीपीपी) की अगुवाई वाली सिंध सरकार के मत्थे मढ़ दिया।

एक रिपोर्ट के मुताबिक पहले 40 से 45 रुपए किलो में बिकने वाला आटा इन दिनों 60 से 70 रुपए किलो बिक रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (एनएफएस) सचिव हाशिम पोपलजाई का कहना है कि आटे की कम आपूर्ति के लिए हाल में हुई ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल मुख्य कारण है, जिसकी वजह से मिलों को समय से गेहूॅं की आपूर्ति नहीं हो सकी। उन्होंने आटे की किल्लत को ‘अस्थायी’ बताते हुए कहा यह संकट कुछ दिन में दूर हो जाएगा और सिंध में 20 मार्च तथा पंजाब में 15 अप्रैल तक गेहूॅं की नई फसल की आमद बढ़ जाने से स्थिति में और सुधार होगा।

पोपलजाई के अनुसार ने सिंध सरकार से एक करोड़ 40 लाख टन गेहूॅं खरीदने के लिए कहा गया था। लेकिन प्रांतीय सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि देश में गेहूॅं की कुल मासिक खपत 22 लाख टन है। सरकार के पास भंडार में पहले ही 42 लाख टन का गेहूॅं का स्टॉक है।

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नेशनल एसेम्बली में विपक्ष के नेता और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने देश में लागातार बढ़ती महॅंगाई को लेकर इमरान सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “सरकार के उदासीन रवैए ने आम लोगों की जीवन मुश्किल कर दिया है।” वहीं, पीपीपी अध्यक्ष बिलवाल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इमरान खान सरकार के कार्यकाल में पाकिस्तान गेहूॅं निर्यातक की बजाय इसका आयातक बन गया। उन्होंने आरोप लगाया कि संघीय सरकार ने 40 हजार टन गेहूॅं अफगानिस्तान भेज दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया