पाकिस्तान में 25000 से ज्यादा अल्पसंख्यक मार दिए गए, हजारों लापता: कराची के पूर्व मेयर ने ही खोली इमरान की पोल

कराची के पूर्व मेयर वासे जलील ने जताई पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को लेकर चिंता

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति कितनी बदहाल है? ये किसी से छिपा नहीं हैं। विश्व के कोने-कोने से पाकिस्तान को अपनी कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए थू-थू मिल रही है। अब ऐसे में कराची के पूर्व मेयर वासे जलील ने भी न्यूयॉर्क में पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों और मुहाजिरों पर होते अत्याचारों की पोल-पट्टी खोलकर पाक की हकीकत को और पारदर्शी कर दिया है। उन्होंने गुरुवार (सितंबर 26, 2019) को पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों और मुहाजिरों पर हो रहे अत्याचार पर चिंता जताई है।

न्यूयॉर्क में गुरुवार को उन्होंने पाकिस्तान में दशकों से मुहाजिरों पर होते जुल्म पर अपना बयान दिया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान में 25 हजार से ज्यादा अल्पसंख्यक लोग मारे जा चुके हैं। हजारों लोग लापता हो गए। हम पाकिस्तान में अपनी स्थिति से दुनिया को अवगत कराना चाहते हैं।”

उन्होंने बताया, “पाकिस्तान मुहाजिरों को अन्याय के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध करने की अनुमति नहीं देता है। हमारे पास अपनी माँगों के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों से संपर्क करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। यह हमारा नैतिक, मानवीय और लोकतांत्रिक अधिकार है।”

पाकिस्तान नेशनल असेंबली के एक सदस्य की हत्या का जिक्र करते हुए पूर्व मेयर ने कहा, “पाक के पंजाबी मुस्लिम बहुसंख्यकों के अल्पसंख्यकों के साथ किए अत्याचार की सैकड़ों कहानियाँ हैं। 2018 में पाकिस्तान नेशनल असेंबली के एक सदस्य सैयद अली रज़ा आब्दी को पाकिस्तान की सेना के इशारे पर मार दिया गया था।”

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गौरतलब है कि इस समय पाकिस्तान द्वारा अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे अत्याचारों के ख़िलाफ़ न्यूयॉर्क की सड़कों पर बड़ी तादाद में प्रदर्शन चल रहा है। ये सब उस समय हो रहा है जब कल पाक पीएम इमरान UNGA में भाषण देने वाले हैं।

कई सौ की तादाद में डिस्प्ले स्क्रीन के साथ टैक्सी और ट्रक न्यूयॉर्क की सड़कों पर देखने को मिल रहे हैं, जहाँ पाकिस्तान के अत्याचारों के ख़िलाफ़ तस्वीरों और स्लोगन्स के जरिए प्रदर्शन हो रहा है। इसे अमेरिका के मुहाजिर एडवोकेसी ग्रुप वॉयस ऑफ कराची ने लॉन्च किया है।

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जानकारी के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के आसपास खड़ी गाड़ियों पर दिखे कुछ विज्ञापनों में लिखा है, “पाकिस्तान: मानव अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के चार्टर को न मानने वाला देश” और “मुहाजिर पाकिस्तान में यूएन हस्तक्षेप की माँग करते हैं।” (“Pakistan: A country in denial of UN charter on Human rights” and “Mohajirs demand the UN intervention in Pakistan.”)

इसके अलावा बता दें वॉयस ऑफ कराची के अध्यक्ष नदीम नुसरत की मानें तो पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को इसलिए उठा रहा है, ताकि लोगों का ध्यान पाक सेना के अत्याचारों पर न जाए। उनका कहना है कि पाकिस्तानी अल्पसंख्यक अमेरिकी कॉन्ग्रेसियों और सीनेटरों के पास पहुँच रहे हैं और वे उनसे पाक पर दबाव बनाने के लिए भी मदद माँग रहे हैं।

वहीं, एक मुहाजिर कार्यकर्ता कहकशां हैदर का कहना है, ‘‘पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर देना चाहिए। उसे दी जा रही सभी वित्तीय सहायता रोक देना चाहिए। यह आतंक का देश है। पाक पूरी दुनिया में आतंकवाद फैला रहा है। मोदी और ट्रम्प से गुजारिश है कि हमारे समुदाय को बचाने में मदद करें।’’

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया