अफगानिस्तान में हथियारों के बल पर कब्जा करने के बाद तालिबान की सरकार का गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी शनिवार (5 फरवरी 2022) को पहली बार दुनिया के सामने आया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित वैश्विक आतंकी घोषित किए गए सिराजुद्दीन हक्कानी का चेहरा दुनिया के सामने दशकों के बाद सामने आया है।
दरअसल, अफगानिस्तान में मौका था इस्लामिक अमीरात के राष्ट्रीय पुलिस के स्नातक समारोह का। सिराजुद्दीन हक्कानी हाफिजुल्ला कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए आया था। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब डेढ़ दशक से अमेरिका हक्कानी का पीछा कर रहा था, लेकिन वो उसे ढूँढ नहीं पाया – वो अचानक से पूरी दुनिया का सामने आ गया।
हक्कानी से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें स्पष्ट देखा जा सकता है कि हक्कानी पुलिस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आता है। वो अपने सिर पर शॉल ओढ़े हुए रहता है। उस दौरान स्टेज पर मौजूद पाकिस्तानी राजदूत उससे मिलने की कोशिश करते हैं, लेकिन हक्कानी उन्हें नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ जाता है। जबकि, सिराजुद्दीन हक्कानी को पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई का पिट्ठू माना जाता है। यह एक कट्टरपंथी सुन्नी इस्लामिक आतंकी संगठन है, जिसे तालिबान का करीबी माना जाता है।
ये सोची समझी रणनीति का हिस्सा
पिछले साल अगस्त में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था। उस दौरान हक्कानी को छुपाकर रखा गया था। लेकिन अचानक से उसका सामने आना एक रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।
रिसर्च एन्ड एनालिसिस विंग के एक पूर्व अधिकारी के मुताबिक, “अब जब सरकार कुछ महीने पुरानी हो गई है और दुनिया ने इसे आधिकारिक रूप से मान्यता न देने के बावजूद इसके साथ जुड़ना शुरू कर दिया है, तो तालिबान हक्कानी पर इसके साथ पानी जाँचने की कोशिश कर सकता है। इसके साथ ही जैसा कि वे दुनिया भर से राहत चाहते हैं, वे आगे आना चाहते हैं और संकेत देना चाहते हैं कि दुनिया उनके साथ खुले तौर पर जुड़ सकती है। यह एक संकेत भी हो सकता है कि वे पाकिस्तान में अपने आकाओं के साए से बाहर आना चाहते हैं।”
गौरतलब है की सिराजुद्दीन हक्कानी वो ग्लोबल टेररिस्ट है, जिस पर 1 करोड़ डॉलर (76.43 करोड़ रुपए) का इनाम है। हक्कानी नेटवर्क भारतीय हितों के खिलाफ हमले का आरोपित है।