‘गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग हिंदुस्तानी नागरिक, पाकिस्तान का खिलौना था अनुच्छेद-370’

इंस्टिट्यूट फ़ॉर गिलगित-बाल्टिस्तान स्टडीज़ के निदेशक सेंगे सेरिंग (India Today से साभार)

पाकिस्तान के कब्ज़े वाले गुलाम कश्मीर (POK) स्थित गिलगित-बाल्टिस्तान के एक्टिविस्ट सेंगे सेरिंग ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन किया है। समाचार एजेंसी ANI को दिए बयान में उन्होंने साफ़ कहा कि यह पाकिस्तान में एक विशेष समूह को दूसरे सम्प्रदायों के ऊपर वीटो-पावर जैसा विशेषाधिकार देता था। यही नहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि इस विशेषधिकार का इस्तेमाल करने वाले पाकिस्तानी सेना के मित्र बन गए थे।

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पाक के रणनीतिक हित साध रहे थे

वाशिंगटन डीसी (अमेरिका) स्थित इंस्टिट्यूट फ़ॉर गिलगित-बाल्टिस्तान स्टडीज़ के निदेशक सेंगे सेरिंग के मुताबिक अनुच्छेद-370 कश्मीर के उन लोगों के हाथ का खिलौना था, जिन्हें वह प्रावधान अन्य पंथों और जातीय समूहों से इतर ‘वीटो’ देता था। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि इस वीटो का फायदा उठाने वाले लोग पाकिस्तानी सेना के पाले में जा बैठे और पाकिस्तान के रणनीतिक हित जम्मू-कश्मीर में पूरे कर रहे थे।

पहले भी उठाते रहे हैं हिंदुस्तानी आवाज़

सेरिंग इसके पहले भी हिंदुस्तान-समर्थक आवाज़ गुलाम कश्मीर को लेकर आवाज़ उठाते रहे हैं। इसी साल मार्च में उन्होंने साफ किया था कि गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग हिंदुस्तानी नागरिक हैं। यही नहीं, उन्होंने पाकिस्तान के ज़मीन या लोगों पर किसी भी तरह के अधिकार को नकार दिया था। साथ ही सेरिंग पाकिस्तान के साथ हिंदुस्तान के सिंधु जल समझौते को पूरी तरह तोड़ने की वकालत करते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया