सोमालिया में अल-शबाब के आतंकियों ने युगांडा के 54 फौजियों को मारा: राष्ट्रपति ने की पुष्टि, आतंकी संगठन बोला- हमने 137 सैनिकों की ली जान

युगांडा के राष्ट्रपति द्वारा अल-शबाब के हमले में अपने 54 सैनिकों की मौत की पुष्टि

अशांत अफ्रीकी देश सोमालिया में बड़े आतंकी हमले की खबर है। युगांडा ने इस हमले में अपने 54 फौजियों के मारे जाने की पुष्टि की है। हमले का आरोप इस्लामी आतंकी संगठन अल-शबाब पर लगा है। घटना शुक्रवार (27 मई 2023) की है जब आतंकी संगठन के लड़ाकों ने बुलामारेर नामक जगह पर युगांडा के सैन्य कैम्प को निशाना बनाया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी (Yoweri Museveni) ने शनिवार (3 जून) को इन हमलों की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि युगांडा के 54 शांति सैनिक अल-शबाब के हमले में मारे गए हैं। अपने बयान में मुसेवेनी ने आगे बताया कि इस हमले के बाद युगांडा पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज (UPDF) ने अदम्य साहस का परिचय दिया और मंगलवार (30 मई 2023) तक अपने बेस कैम्प को फिर से हासिल कर लिया। इस हमले के दौरान सैनिकों को गलत निर्देश देने के आरोप में युगांडा के राष्ट्रपति ने मेजर रैंक के 2 अधिकारियों के कोर्ट मार्शल के आदेश भी दिए।

योवेरी मुसेवेनी ने पिछले हफ्ते ही युगांडा के बेस कैम्प पर हमले की जानकारी तो दी थी लेकिन उन्होंने मृतकों की संख्या का खुलासा नहीं किया था। हालाँकि तब उन्होंने अल-शबाब को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। जानकारी के मुताबिक यह हमला सोमालिया की राजधानी मोगदिशु से 80 मील (130 किलोमीटर) दूर दक्षिण-पश्चिम दिशा में बुलामारेर में हुआ था। हालाँकि आतंकी संगठन अल-शबाब ने अपने हमले में 137 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है। युगांडा के सभी मृतक सैनिक अफ्रीकन यूनियन ट्रांजीशन मिशन इन सोमालिया (ATMIS) के सदस्य थे।

इस बीच गुरुवार (1 जून 2023) को यूनाइटेड स्टेट्स अफ्रीका कमांड (अफ्रीकॉम) द्वारा किए गए जवाबी हवाई हमले में अल-शबाब के 3 आतंकी मारे गए हैं। ये हमला सोमालिया के दक्षिणी बंदरगाह शहर किसमायो से लगभग 60 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में वायंता में हुआ है। बताते चलें कि इस्लामी आतंकी संगठन अल-शबाब सोमालिया में इस्लामी शासन को स्थापित करने के लिए वहाँ हमले करता है। वह सोमालिया की वर्तमान सरकार को पश्चिम देश समर्थित मानता है। साल 2022 में सोमालिया के राष्ट्रपति हसन शेख महमूद ने भी जवाब में आतंकियों के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया