ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने से आखिर में चूक गए भारतवंशी ऋषि सुनक, लेकिन लंदन की प्रॉपर्टी पर भारतीयों का ही दबदबा: नया घर खरीदने में अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ा

पीएम नहीं बने ऋषि सुनक, लेकिन भारतीयों को प्रॉपर्टी खरीदने में अंग्रेज नहीं कर पाए पीछे (तस्वीर साभार: हिंदुस्तान टाइम्स)

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुनावों में भले ही लिज ट्रस (81326 वोटों के साथ) के बाजी मारने से भारतीय मूल के ऋषि सुनक (60399 वोट पाकर) पीएम बनने से चूक गए हों, लेकिन ब्रिटेन की राजधानी लंदन में प्रॉपर्टी खरीदने में भारतीय अंग्रेजों से भी आगे हैं। यहाँ भारतीयों के पास सबसे अधिक संपत्ति है। इन भारतीयों में कई पीढ़ियों से यूके में रह रहे लोग, एनआरआई (NRI), अन्य जगहों पर रहने वाले निवेशक, एजुकेशन के लिए यूके जाने वाले स्टूडेंट्स और परिवार शामिल हैं।

भारतीयों के बाद लंदन में अंग्रेज और पाकिस्तानी सबसे अधिक प्रॉपर्टी मालिक हैं। लंदन बेस्ड रेजिडेंशियल डेवलपर Barratt London ने यह जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि ये भारतीय निवेशक लंदन और भारत दोनों जगहों पर रह रहे हैं। भारतीय लंदन में एक, दो या तीन बेडरूम वाले अपार्टमेंट के लिए 290,000-450,000 जीबीवी (Stands for Great Britain Pound) भी खर्च करने को तैयार हैं।

Barratt London के इंटरनेशनल सेल्स और मार्केटिंग डायरेक्टर स्टुअर्ट लेस्ली (Stuart Leslie) ने FinancialExpress को बताया, “लंदन में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए भारतीय निवेशकों की डिमांड काफी बढ़ रही है। वे स्टेबल और लॉन्ग टर्म प्रॉपर्टी मार्केट में पैसा लगाना चाहते हैं। लंदन के बाहर हमारे अधिकांश प्रोडक्ट यूके के स्थानीय खरीदारों को बेचे जा रहे हैं, जो इन प्रॉपर्टीज को खरीदते हैं और उनमें रहते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा, “इस साल हमें भारतीय खरीदारों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। ये विदेशी मार्केट प्लेयर्स का 7-8 फीसदी हिस्सा हैं। नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 10 फीसदी यूएचएनडब्ल्यूआई (UHNWI) ने 2022 में नया घर खरीदने की योजना बनाई है। वे घरेलू बाजार में प्रॉपर्टीज में निवेश करना पसंद करते हैं।”

बता दें कि कई वर्षों से भारतीय लंदन में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। लंदन की प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट से भारतीय खरीदारों का रुझान इस ओर बढ़ा है। यूरोपीय संघ को लेकर जनमत संग्रह और अक्टूबर 2019 के बीच प्राइम सेंट्रल लंदन की प्रॉपर्टी में लगभग 20 फीसदी दाम गिरने की वजह से भारतीय खरीदारों को फायदा हुआ है। ये संपत्ति खरीदने वाले अधिकतर लोग युवा हैं। सितंबर 2019 तक लगभग 73% सुपर प्राइम बायर्स की उम्र 50 साल से कम रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया