10-10 बच्चे करो पैदा, ₹13 लाख मिलेंगे: रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने महिलाओं से की अपील, ‘मदर हिरोइन’ पुरस्कार देने का वादा

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी औरतों से अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने की अपील की (फोटो साभार: गार्जियन/ब्रिटानिका))

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने रूस की महिलाओं से कम से कम 8 बच्चे पैदा करने की अपील की है। मॉस्को में मंगलवार (28 नवंबर,2023) को वर्ल्ड रशियन पीपुल्स काउंसिल को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि देश को उस समय में लौटना चाहिए जब बड़े परिवार आदर्श थे।

राष्ट्रपति पुतिन ने रूसी महिलाओं को 10 या उससे अधिक बच्चे पैदा करने पर 13 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। इस तरह से पुतिन ने सोवियत काल का 1944 का ‘मदर हीरोइन’ पुरस्कार फिर से शुरू कर दिया है। 10 या उससे ज्यादा बच्चे पैदा करने वाली महिला को ये पुरस्कार दिया जाता था।

दरअसल, पूर्व सोवियत देश कोविड और यूक्रेन युद्ध की जंग की वजह से जनसंख्या में कमी से जूझ रहा है। यूक्रेन में युद्ध और गहराते आर्थिक संकट के बीच रूसी जन्म दर लगातार गिर रही है। यूक्रेन के साथ उनके युद्ध में मारे जाने वाले रूसी सैनिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे ये देश जनसंख्या संकट के दौर से गुजर रहा है।

इसी को लेकर पुतिन फिक्रमंद हैं। उन्होंने रूस के लोगों से कहा, “हमारी कई दादी और परदादी के सात, आठ या उससे भी अधिक बच्चे थे। आइए हम इन उत्कृष्ट परंपराओं को संरक्षित और पुनर्जीवित करें। रूस में सभी को बड़े परिवारों को आदर्श बनाना चाहिए। परिवार सिर्फ राष्ट्र और समाज की नींव नहीं है। यह एक आध्यात्मिक घटना है, नैतिकता का जरिया है।”

पुतिन ने आगे कहा, “आने वाले दशकों और यहाँ तक कि आने वाली पीढ़ियों के लिए रूस की जनसंख्या को संरक्षित करना और बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। यह रूसी दुनिया, सहस्राब्दी पुराने, शाश्वत रूस का भविष्य है।”

पुतिन का यह बयान रूस में दशकों से गिरती जा रही जन्म दर के बीच आया है। इस दौरान यूक्रेन पर उसके आक्रमण और उसके बाद के आर्थिक नतीजों ने इसे और बदतर हालात में ला दिया है। यूक्रेन में युद्ध की वजह से मोटे अनुमान के मुताबिक 900,000 लोगों को देश छोड़कर भागना पड़ा।

यही वजह रही कि यूक्रेन से लड़ने के लिए अतिरिक्त 300,000 लोगों को रूसी सेना में भर्ती किया गया है। इसकी वजह से रूस में काम करने वाले लोगों की कमी हो गई है। जुलाई में रूसी मीडिया आउटलेट मीडियाज़ोना और मेडुज़ा के किए एक सांख्यिकीय विश्लेषण में कहा गया था कि यूक्रेन के साथ युद्ध में लगभग 50,000 रूसी पुरुषों ने जान गवाई।

वहीं अक्टूबर में आए, ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक, रूस के यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में संभवतः 290,000 मारे गए या घायल हुए ।

बताते चलें की 24 साल पहले सत्ता में आने के बाद से ही पुतिन ने लोगों के लिए सरकारी प्रोत्साहनों की एक सीरीज शुरू करके रूस की जन्मदर को बढ़ावा देने की कोशिश की है।

पुतिन ने एक से अधिक बच्चे पैदा करने वाले परिवारों को पैसा देने की भी शुरुआत की। हालाँकि ये सब भी रूस की आबादी बढ़ाने में काम नहीं आया। ले मोंडे की रिपोर्ट के मुताबिक रूस की संघीय सांख्यिकी सेवा, रोसस्टैट के आँकड़ों के मुताबिक, 1 जनवरी तक रूसी जनसंख्या 146,447,424 थी, जो 1999 के मुकाबले में कम थी। तब पुतिन पहली बार राष्ट्रपति बने थे।

रोसस्टैट में काम कर चुके जनसांख्यिकी विशेषज्ञ एलेक्सी रशा ने फरवरी में एएफपी को बताया था, “रूस में मजदूरों की कमी है।” उन्होंने कहा था, “यह एक पुरानी समस्या है, लेकिन लोगों के सामूहिक तौर पर देश छोड़ कर जाने से यह और भी बदतर हो गई है।”

रेडियोफ्रीयूरोप/रेडियोलिबर्टी ने 2020 में रिपोर्ट दी थी कि कुछ रूसियों ने कहा था कि सरकार ने बड़े परिवारों के लिए जमीनी भूखंड देने जैसी आर्थिक मदद का जो वादा किया था, वह कभी पूरा नहीं हुआ। ऐसी अफवाह है कि पुतिन के चार से अधिक बच्चे हैं, हालाँकि उन्होंने कभी भी सार्वजनिक तौर पर नहीं स्वीकारा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया