जीवित रहे सलमान रुश्दी तो जा सकती है एक आँख, लीवर को भी खतरा: काले कपड़ों में आए हादी मतार ने न्यूयॉर्क में चाकू से गोद दिया था

सलमान रुश्दी और हमलावर हादी मतार (फोटो साभार: Meaww)

अमेरिका के न्यूयॉर्क (New Yok, America) में एक लेक्चर के दौरान प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर हमला कर उनका गला काटने की कोशिश की गई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया है और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। हमले के संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।

रुश्दी के एजेंट एंड्रयू वायली के अनुसार, मुंबई में जन्मे लेखक रुश्दी वेंटिलेटर पर हैं और वे बोल नहीं सकते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक बयान में उन्होंने कहा, “खबर अच्छी नहीं है। सलमान की एक आँख खोने की संभावना है। उनकी बाँह की नसें कट गई हैं और उनका लीवर खराब हो गया है।”

न्यूयॉर्क राज्य पुलिस के मेजर यूजीन स्टैनिज़ेव्स्की के अनुसार, हमलावर की पहचान न्यूजर्सी स्थित फेयरव्यू के 24 वर्षीय हादी मतार के रूप में की गई है। हालाँकि, वह किस देश से ताल्लुक रखता है, इसका अभी पता नहीं चला है।

भारतीय समयानुसार, शुक्रवार (12 अगस्त 2022) की रात को मतार ने सलमान रुश्दी को चाकू तब मारा, जब 75 वर्षीय लेखक चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में मंच पर बैठे थे। काला कपड़ा पहना मतार पीछे से आया और लोगों के बीच बैठे रुश्दी पर चाकू से ताबड़-तोड़ हमला कर दिया।

हमले के दौरान लोगों को लगा कि हमलावर ने उन्हें चाँटा मारा है, लेकिन अचानक उनके चेहरे पर बहता खून देखकर लोगों को घटना की गंभीरता का अंदाजा हो गया। इसी दौरान ऑडियंश में बैठी एक डॉक्टर मंच के पास आई और रुश्दी की मदद करने लगी।

रीटा लैंडमैन नाम की एंडोक्रिनोलॉजिस्ट ने कहा कि रुश्दी के दाहिने गले सहित कई घाव थे और वे खून से लथपथ होकर नीचे गिरे हुए थे। उस महिला डॉक्टर ने कहा कि वे अभी जीवित लग रहे हैं। इसके बाद कुछ लोगो ने उनकी नब्ज देखी और चिल्लाने लगे के यह चल रही है।

घटना के कुछ ही पल में पुलिस पहुँच गई और कुछ देर बाद उन्हें हेलिकॉप्टर से अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ उनके कई ऑपरेशन किए गए। पुलिस FBI और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर हमलावर के उद्देश्य को जानने की कोशिश कर रही है। पुलिस इस बात की भी जाँच कर रही है कि हमलावर अकेला था या और भी लोग थे उसके साथ।

मुस्लिमों पर मढ़ा जा सकता है दोष: अमेरिकी इस्लामी संस्था

अमेरिका के सबसे बड़े मुस्लिम नागरिक अधिकार समूह ‘काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस’ के प्रवक्ता इब्राहिम हूपर ने विक्टिम कार्ड खेलना अभी से शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता है कि हमलावर की पहचान सामने आने से पहले ही लोग मुस्लिमों या इस्लाम को छुरा घोंपने के लिए दोषी ठहरा सकते हैं।

उन्होंने कहा, “सभी अमेरिकियों की तरह अमेरिकी मुस्लिम भी समाज में किसी को भी निशाना बनाने वाली हिंसा की निंदा करते हैं।” 14 उपन्यासों के लेखक और 2007 में नाइट की उपाधि से सम्मानित रुश्दी पर हमले को लेकर दुनिया भर में रोष है।

कट्टरपंथियों के निशाने पर थे रुश्दी

मुंबई के एक सफल मुस्लिम व्यवसायी के घर जन्मे रुश्दी ने एक किताब लिखकर दुनिया में सनसनी मचा दी थी। साल 1988 में लिखी गई उनकी पुस्तक ‘द सैटेनिक वर्सेज’ (The Satanic Verses) को लेकर ईरानी क्रांति के नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने उनकी हत्या के लिए फतवा जारी करते हुए लगभग 28 करोड़ रुपए घोषणा की थी।

इस्लामवादियों का कहना था कि इस पुस्तक में इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद का अपमान किया गया है। इसके बाद उन्हें दुनिया भर में कई जगहों से हत्या की धमकी मिली। उनकी किताब को भी कई देशों ने प्रतिबंधित कर दिया। इनमें से एक देश भारत भी है।

खतरे के देखते हुए अल्लाह में विश्वास नहीं करने वाले रुश्दी इसके बाद भूमिगत हो गए। भारत से वे ब्रिटेन चले गए। वहाँ उन्हें किस प्रकार से सुरक्षा दी गई। रुश्दी सार्वजनिक जीवन साल 1990 के अंत में आए, जब ईरान ने घोषणा की कि वह रुश्दी की हत्या का समर्थन नहीं करता। हालाँकि, उन पर खतरा बरकरार रहा और विवाद के 34 साल बाद उन पर जानलेवा हमला कर दिया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया