कनाडा में रिपुदमन सिंह की गोली मारकर हत्या, ISI का हाथ होने का अंदेशा: सिखों के लिए PM मोदी के कार्यों को सराहा था

कनाडा में रिपुदमन सिंह की गोली मारकर हत्या

कनाडा (Canada) के मशहूर सिख नेता 75 वर्षीय रिपुदमन सिंह मलिक (Ripudaman Singh Malik) की गुरुवार (14 जुलाई 2022) सुबह 9:30 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई। जब वह अपने ऑफिस के सामने कार में बैठे थे, तभी कुछ अज्ञात युवकों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने प्राथमिक उपचार देकर उन्हें होश में लाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटनास्थल से एक जलती हुई कार बरामद की गई है।

यह घटना ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर के 128 स्ट्रीट के 8200 ब्लॉक की घटना है। हत्यारे एक कार में आए थे। हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपितों ने कार को आग के हवाले कर दिया। ऐसा बताया जा रहा है कि सुबूत मिटाने के लिए कार में आग लगाई गई। फिलहाल हत्या के कारणों का पता नहीं चला है। सीबीसी न्यूज ने चश्मदीदों का हवाला देते हुए बताया है कि उन्होंने 3 गोलियाँ चलने की आवाज सुनी और यह टारगेट किलिंग का मामला लगता है।

खबर की पुष्टि करते हुए मलिक के बहनोई जसपाल सिंह ने ANI से बात करते हुए कहा, “हमें इसके बारे में जानकारी नहीं है कि रिपुदमन को किसने मारा। उनकी छोटी बहन कनाडा जा रही है।”

शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के पूर्व प्रमुख परमजीत सिंह सरना ने एक बयान में कहा, “कनाडा में सरदार रिपुदमन सिंह मलिक की मौत पर मुझे काफी दुख हुआ है। क्षति अपूरणीय है। सरदार मलिक ने कई खालसा स्कूल चलाए और कनाडा में मानवीय प्रयासों में सबसे आगे थे। उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है। हमें उम्मीद है कि कनाडा के अधिकारी उनकी हत्या की गहन जाँच शुरू करेंगे और दोषियों को सजा दिलाएँगे।”

हाल ही में रिपुदमन सिंह ने की थी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ

रिपुदमन सिंह मलिक भारतीय पीएम मोदी के प्रशंसक थे। उन्हें साल 2020 में सिंगल एंट्री वीजा और 2022 में मल्टीपल एंट्री वीजा दिया गया था। इस दौरान उन्होंने भारत में आंध्र प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र में कई तीर्थ यात्रा की थी।

इस साल की शुरुआत में उन्होंने पीएम मोदी को एक खत लिखकर उनकी तारीफ की थी। खालसा स्कूल कनाडा के प्रधान, खालसा क्रेडिट यूनियन के संस्थापक रिपुदमन सिंह मलिक ने अपनी चिट्ठी में मोदी सरकार की ओर से सिख समुदाय के लिए उठाए गए कई अभूतपूर्व सकारात्मक कदमों के लिए ह्रदय से आभार व्यक्त किया था।

मोदी सरकार ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित कर दिया था। रिपुदमन ने इसके लिए भी पीएम मोदी की तारीफ की थी। उल्लेखनीय है कि 26 दिसंबर 1704 को सिखों के दसवें एवं अंतिम गुरु गोबिंद सिंह के 9 वर्ष और 6 वर्ष के दो बेटों को मुगल आक्रांता ने दीवारों में चुनवा दिया था।

मलिक ने पीएम मोदी और भारत सरकार के खिलाफ सिख समुदाय के कुछ सदस्यों के संगठित अभियान पर भी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने पेंडिंग मुद्दों के समाधान के लिए सरकार के साथ काम करने का वादा करते हुए सिख समुदाय को एक अलग पत्र भी लिखा था। पत्र में उन्होंने कहा था, “पंजाब में हिंसा पंजाब और पूरे भारत और दुनिया भर में सिख समुदाय के हितों को नुकसान पहुँचाएगी। मैं विश्व शांति के लिए अपना दैनिक अरदास करता हूँ, क्योंकि मुझे अपने समुदाय या किसी समुदाय को हिंसा के कारण पीड़ित देखना पसंद नहीं है।”

उन्होंने पत्र में आगे कहा था, “मैं नहीं मानता कि सिख समुदाय के प्रति सकारात्मक संकेतों को देखते हुए प्रधानमंत्री की गलत तरीके से आलोचना करना सही है। आलोचना करने के बजाय हमें भविष्य के लिए सकारात्मक साझेदारी की दिशा में उनके नेतृत्व में भारत सरकार की सराहना और सार्थक रूप से जुड़ना चाहिए।”

खालिस्तानी विचारधारा से दूर हो गए थे रिपुदमन सिंह

बताया जाता है कि रिपुदमन सिंह पहले खालिस्तान हिमायती थे, लेकिन बाद में उनकी विचारधारा बदल गई थी। अंतिम समय तक वह सिख समुदाय के लोगों को अलगाववादी नेताओं से दूर रहने के लिए प्रेरित करते थे। रिपुदमन सिंह की हत्या कट्टरपंथियों द्वारा किए जाने की आशंका जताई जा रही है। वह खालिस्तान की विचारधारा से दूर होकर भारत सरकार के प्रति कनाडा के कट्टरपंथियों में अलख जगा रहे थे।

रिपुदमन सिंह मलिक श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छपाई कर चर्चा में आए थे। रिपुदमन और बलवंत सिंह की ओर से प्रकाशित पावन स्वरूपों के मुद्दे पर कनाडा की सिख संगत में भारी रोष था। मामला श्री अकाल तख्त साहिब तक भी पहुँचा, इस कारण रिपुदमन सिंह ने छपाई बंद कर दी थी और पावन स्वरूप शिरोमणि कमेटी को सौंप दिए थे।

बता दें कि रिपुदमन सिंह मलिक उन व्यक्तियों में से एक थे, जिन पर साल 1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट (Air India bombing Case) 182 ‘कनिष्क’ पर बम हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में उन पर 20 सालों तक मुकदमा भी चला था। हालाँकि, साल 2005 में उन्हें बरी कर दिया गया था।

क्या हो सकती है हत्या की वजह?

वैंकूवर सन ने 1985 के कनिष्क बम विस्फोट के बाद आतंकवाद की जाँच करने वाले रिटायर्ड आरसीएमपी डिप्टी कमिश्नर गैरी बास के हवाले से कहा कि बमबारी के बाद मलिक के कई दुश्मन थे। बास का कहना है कि एयर इंडिया बमबारी में उनकी कथित संलिप्तता उनकी हत्या के कारणों में से एक हो सकती है। हालाँकि, भारतीय रक्षा विश्लेषकों का मानना ​​​​है कि उनकी हत्या का एयर इंडिया बमबारी से नहीं, बल्कि पीएम मोदी की तारीफ करना हो सकता है।

वहीं पूर्व आर्मी मेजर और डिफेंस एनालिस्ट गौरव आर्य ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा, “खालिस्तानियों में निराशा की एक भावना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उन्हें पहले की तरह समर्थन नहीं दे रही है। यह धन की कमी और FATF के कारण भी हो सकता है। रिपुदमन सिंह ने हाल ही में पीएम मोदी की तारीफ की थी। ऐसा हो सकता है कि ISI ने इसे अपमान की तरह देखा और उन्हें खत्म कर दिया।”

रिपुदमन सिंह ने प्रधानमंत्री को सिख समुदाय के लाभ के लिए उनके और भारतीय अधिकारियों द्वारा किए गए कार्यों को बदनाम करने की कोशिश करने वाले खालिस्तानियों को लेकर भी चेतावनी दी थी। इसे भी हत्या की वजह के रूप में देखा जा रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया