खातूनें नहीं खा सकतीं मर्दों के साथ खुले में खाना, रेस्टोरेंट में शौहर के साथ बैठने पर भी प्रतिबंध: तालिबान का नया फरमान

तालिबान ने पुरुषों और महिलाओं के रेस्टोरेंट में एक साथ खाना खाने पर लगाया प्रतिबंध ( फोटो साभार: अल जजीरा)

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद से वहाँ के हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। 9 महीने बाद भी वहाँ लोगों को गरीबी और भुखमरी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच तालिबान के नए-नए फरमान भी जारी हो रहे हैं। अपने नए फरमान में तालिबान ने अफगान शहर में पुरुषों और महिलाओं के एक साथ बाहर खाने और पार्क में जाने से रोक लगा दी है।

एक अधिकारी ने गुरुवार (12 मई 2022) को बताया, “तालिबान के अधिकारियों ने पश्चिमी अफगान शहर हेरात में पुरुषों और महिलाओं के एक साथ बाहर खाने और पार्क में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।” इससे पहले अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात में तालिबान ने महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस नहीं जारी करने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही अफगानिस्तान में सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं इस तरह का बुर्का पहनने का फरमान जारी किया गया था, जिसमें उनकी आँखे भी ना दिखती हों।

तालिबान के सत्ता में वापिस आने से पहले अफगानिस्तान में पुरुषों और महिलाओं को रेस्टोरेंट में एक साथ खाना खाते देखना आम बात थी। खासकर हेरात शहर में। हेरात में अपनी परंपराओं को बढ़ावा देने और लोगों को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक करने वाले मंत्रालय में तालिबान के एक अधिकारी रियाज़ुल्लाह सीरत ने कहा, “अधिकारियों ने निर्देश दिया है कि पुरुषों और महिलाओं के रेस्टोरेंट में एक साथ जाने पर प्रतिबंध लगाया जाए।”

अधिकारी ने एएफपी न्यूज एजेंसी को बताया कि मालिकों को चेतावनी गई है कि ये नियम सभी पर लागू होंगे फिर चाहे वह शौहर और बीवी ही क्यों ना हों। एक अफगान महिला ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि मैनेजर ने उसे और उसके शौहर को बुधवार (11 मई 2022) को हेरात रेस्टोरेंट में अलग बैठने को कहा था। एक रेस्टोरेंट के मैनेजर सफीउल्लाह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें मंत्रालय का आदेश मिला है कि वह महिलाओं और पुरुषों को एक साथ ना बैठने दें।

सफीउल्लाह ने आगे कहा, “हमें ना चाहते हुए भी इस आदेश का पालन करना होगा, लेकिन इससे हमारे बिजनेस प्रभावित हो रहा है।” उन्होंने कहा कि अगर यह प्रतिबंध जारी रहता है तो उन्हें रेस्टोरेंट से कई कर्मचारियों को निकालने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

तालिबान ने अगस्त 2021 में सत्ता पर एक बार फिर काबिज होने के बाद पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग करने पर प्रतिबंध लगाए हैं। महिलाओं को शिक्षा से वंचित करने के बाद तालिबान ने इस साल मार्च में अफगानिस्तान के पुरुषों के लिए नया फरमान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि जो सरकारी कर्मचारी दाढ़ी नहीं रखेगा, उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा।

गौरतलब है कि तालिबान अफगानिस्तान में अपने 1996 से 2001 के शासन में मानवाधिकारों के हनन के लिए जाना जाता है, लेकिन दूसरी पर सत्ता में आने के बाद उसने वादा किया था कि इस बार वह सख्त रूख नहीं अपनाएगा। हालांकि इसके बाद रूढ़ीवादी सोच वाले तालिबान द्वारा ऐसे फरमान जारी किए जा रहे हैं, जिससे अफगान के नागरिक बद से बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया