तालिबान ने डूरंड रेखा पर मचाई तबाही, पाकिस्तानी सेना के बॉर्डर पोस्ट को किया बर्बाद: अपने ही बुने जाल में बुरी तरह से फँस गया आतंकिस्तान?

पाकिस्तानी सेना की पोस्ट (फोटो साभार : Natsecjeff)

अफगानिस्तान में 90 के दशक में तबाही मचाने में पाकिस्तान ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। सारी दुनिया को पता है कि अफगानिस्तान में मुजाहिद्दीनों का शासन लाने के लिए पाकिस्तान ने क्या कुछ नहीं किया। फिर उन्हीं मुजाहिद्दीनों को सत्ता से बाहर करने में फिर से पाकिस्तान की दुर्गति हुई, लेकिन अपने फायदे के लिए पाकिस्तान ने मुजाहिद्दीनों को पालना जारी रखा। अब बीते कुछ सालों में तालिबानी मुजाहिद्दीनों ने जब सत्ता पर कब्जा कर लिया है, तो वो पाकिस्तान के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो रहे हैं। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने साफ कह दिया है कि वो पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच खींचे गए काल्पनिक डूरंड रेखा को मानते ही नहीं और वो लगातार पाकिस्तान की ओर बढ़ रहे हैं। अब तालिबान के लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना की पोस्ट को बुरी तरह से तबाह कर दिया और पाकिस्तान की सेना बेबस देखती रह गई।

पाकिस्तान को उम्मीद थी कि तालिबान उसके समर्थन से इस बार काबुल पर काबिज होगा, तो चीजें उसके मनमुताबिक चलेंगी। वो पाकिस्तान के लिए कहर बनकर उभरे तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान (टीटीपी) पर लगाम लगाएगा, लेकिन हुआ एकदम उल्टा। पाकिस्तान में टीटीपी की छतरी तले तमाम संगठन एकजुट हो गए और पाकिस्तान को घाव पर घाव देने लगे।

इस बीच, पाकिस्तान ने टीटीपी को सबक देने के लिए अफगानिस्तान के अंदर एयरस्ट्राइक कर दी, जिसका खामियाजा उसे बॉर्डर पर भुगतना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के एयरस्ट्राइक से नाराज तालिबान के लड़ाकों ने दोनों देशों की सीमा पर स्थित पक्तिका बॉर्डर पोस्ट को तबाह कर दिया। यही नहीं, पाकिस्तान पूरे अफगानिस्तानी सीमा पर जो बाड़बंदी कर रहा था, उसे भी तालिबानी लड़ाकों ने उखाड़ फेंका है।

बता दें कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर जो एयरस्ट्राइक की थी, उसमें तीन बच्चों समेत 8 लोगों की जान चली गई। पाकिस्तान के इस हमले से भड़के तालिबान ने पाकिस्तान को अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली थी। और अब तालिबान के लड़ाकों ने पक्तिका बॉर्डर पोस्ट को ही उजाड़ दिया। पाकिस्तानी सेना के जवान अपनी जान बचाकर भाग खड़े हुए।

सोमवार (18 मार्च 2024) को तालिबान की ओर से आधिकारिक बयान भी जारी किया गया था। इस बयान में कहा गया, “खोस्त, बरमल, पक्तिका जिलों में नागरिक घरों पर कथित पाकिस्तानी बमबारी के जवाब में अफगान सीमा बलों ने भारी तोपखाने के साथ पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।” तालिबान की तरफ से जारी आधिकारिक बयान बता रहा है कि तालिबानी लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना पर जो हमला किया है, वो ऊपर से मिले यानी काबुल से मिले आदेश के बाद किया गया।

गौरतलब है कि पाकिस्तान पर हमेशा से तालिबान का साथ देने का आरोप लगता रहा है। हालाँकि वो हमेशा इस बात को नकारता रहा, लेकिन हकीकत यही है कि पाकिस्तान ने ही हमेशा से न सिर्फ तालिबान के लड़ाकों को आश्रय दिया, बल्कि उनकी ट्रेनिंग की भी व्यवस्था की। अब तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद पुरानी नीति पर चल चुका है। तालिबान ने हमेशा से ही डूरंड रेखा को नकारा है। इसी लाइन पर वो आज भी चल रहा है। वहीं, पाकिस्तान को उम्मीद थी कि वो तालिबान को मना लेगा और अफगानिस्तान में खुद के हिसाब से राज करेगा, लेकिन उसका दाँव पूरी तरह से उल्टा पड़ गया है। अब तालिबान उसकी एक नहीं सुन रहा है, साथ ही वो पाकिस्तान को घाव पर घाव दे रहे टीटीपी पर भी कोई कार्रवाई करता नजर नहीं आ रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया