अफगानिस्तान की मस्जिद में आत्मघाती हमला, 18 मरे: मुल्ला अंसारी की भी मौत, कहा था- तालिबान का विरोध किया तो गर्दन काट देंगे

आत्मघाती हमले में तालिबान के मौलाना मुजीब अंसारी की मौत (फोटो साभार: khaama)

अफगानिस्तान में शुक्रवार (2 सितंबर 2022) को जुमे की नमाज के दौरान हुए आत्मघाती हमले में कम-से-कम 18 लोगों की मौत और 23 से अधिक लोग घायल हो गए। इस विस्फोट में तालिबान के सबसे बड़े मजहबी उलेमाओं में से एक मुल्ला मुजीब रहमान अंसारी भी मारा गया है। हमले की जिम्मेदारी अभी किसी संगठन ने नहीं ली है।

हेरात प्रांत में गजरगाह मस्जिद में यह आत्मघाती हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब तालिबान के उप-मंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर आधिकारिक बैठक के लिए वहाँ गए थे। माना जाता है कि यह हमला इस्लामिक स्टेट के खुरासान समूह (ISKP) द्वारा किया गया है। हालाँकि, तालिबान ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

घटना के हेरांत प्रांत के गाजारघ शहर की है। राज्यपाल के प्रवक्ता हमीदुल्लाह मोटावकिल ने बताया कि यहाँ के गजरगाह मस्जिद में शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए दर्जनों लोग इकट्ठा हुए थे। इस मस्जिद का इमाम मुल्ला अंसारी था। इसी दौरान आत्मघाती हमला हो गया।

इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट कर अंसारी की मौत पर दुख जताया और कहा कि हमले के दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। मुजाहिद ने कहा, “धर्म के दुश्मनों द्वारा कायरतापूर्ण हमले में दीन के विद्वान मुजीब अंसारी शहीद हो गए।”

वहीं, देश के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने ट्वीट कर मस्जिद में हुए विस्फोट की निंदा की है। उन्होंने कहा कि मस्जिद पर हमला मानवता के खिलाफ इस्लामी सिद्धांतों एवं मूल्यों के विरुद्ध है। हेरात सुरक्षा विभाग के प्रवक्ता महमूद शाह रसूली ने कहा कि विस्फोट में घायल हुए लोगों को प्रांतीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

38 वर्षीय मौलवी मुजीब रहमान अंसारी को एक कट्टर मौलवी माना जाता है, जिसके विचार हमेशा कट्टरता से भरे रहे हैं। तालिबान के जिरगा का सदस्य था। अंसारी ने कहा था कि जो कोई भी इस्लामी शासन के खिलाफ विद्रोह करता है, उसका सिर काट दिया जाना चाहिए।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए अंसारी ने कहा था कि अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के खिलाफ अगर कोई मामूली कदम भी उठाता है तो उसका सिर कलम कर दिया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, अंसारी ने एक बार फतवा दिया था कि अगर किसी व्यक्ति की बीवी बुर्का नहीं पहनती है तो वह मर्द कायर है।

अंसारी ने यह भी कहा था कि व्यभिचारियों को पत्थर मारकर मौत के घाट उतार देना चाहिए और चोरों के हाथ काट देने चाहिए। कोविड-19 को अंसारी ने गैर-मुस्लिमों पर अल्लाह का कहर बताया था। मुल्ला अंसारी लड़कियों की शिक्षा देने और उनके घर से बाहर निकलने का सख्त विरोधी था।

यह हमला इस्लामिक स्टेट (ISIS) का प्रतिशोध माना जा रहा है। बुधवार (31 अगस्त 2022) को तालिबान और ISKP के बीच खूनी झड़प हुई थी। इसमें ISKP के 3 आतंकी मारे गए थे। इसके बाद ISIS ने कहा था कि वह इन मौतों का बदला जरूर लेगा। बता दें कि तालिबान का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी ISKP है और दोनों के बीच खूनी झड़पें होती रहती हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया