पेरिस घटना की निंदा को ट्विटर ने ‘हेट स्पीच’ बताकर अकाउंट किया सस्पेंड

पेरिस में हुई घटना की निंदा करने पर ट्विटर ने डिलीट किया फेमस ट्विटर अकाउंट

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्विटर’ की अच्छी समझ और बड़ी फॉलोवर्स संख्या होने के बाद भी यदि आप गैर वामपंथी विचाराधारा के हैं, तो आपका वहाँ टिका रह पाना बेहद मुश्किल है। यह बात पेरिस में हुए अटैक के बाद एक बार फिर तब साबित हुई जब इस घटना की निंदा करने पर एक ट्विटर अकॉउंट को सस्पेंड कर दिया गया। यह ट्विटर अकॉउंट मिक्कू (@effucktivehumor) नाम के युवक का है। इन्होंने पेरिस में पैगम्बर मोहम्मद का चित्र दिखाने पर एक छात्र द्वारा अपने शिक्षक का गला काट देने की घटना की निंदा की थी और दिल्ली, बेंगलुरु, मल्मो और पेरिस में हुई घटनाओं को एक जैसा बताया था। 

इस अकॉउंट के सस्पेंड किए जाने के बाद यूजर को बताया गया कि उन्होंने हेट स्पीच के कारण ट्विटर के नियमों का उल्लंंघन किया है। हालाँकि इस सफाई में यह नहीं बताया गया कि आखिर कैसे एक आतंकी हमले का विरोध करने से कोई सोशल मीडिया यूजर ‘हेट स्पीच’ का दोषी हो जाता है। बता दें कि जिस समय मिक्कू का अकॉउंट सस्पेंड किया गया उस समय उनके प्लैटफॉर्म पर 20,000 फॉलोवर्स थे।

ट्विटर द्वारा अकाउंट सस्पेंड करने पर दिया गया स्पष्टीकरण

इस अकॉउंट के बंद किए जाने के बाद ऐसा अनुमान है कि यूजर को सुनियोजित ढंग से निशाना बनाया गया क्योंकि ट्विटर ने यूजर को बताया है कि उनके कुछ अन्य ट्विट्स को लेकर भी रिपोर्ट की गई है जबकि, ये ट्वीट किसी भी तरह के नियम का उल्लंघन नहीं करते थे।

ऑपइंडिया ने इस संबंध में यूजर से संपर्क किया। हमसे बातचीच में मिक्कू ने बताया कि अकॉउंट सस्पेंड होने के बाद उन्होंने अपील फाइल की है। अपनी अपील में उन्होंने कहा कि उन्हें पक्का नहीं पता कि किस कारण अकॉउंट सस्पेंड हुआ। वह कहते हैं:

“मैनें कभी किसी व्यक्ति, समुदाय और धर्म के ख़िलाफ़ अपशब्द नहीं कहे, धमकी नहीं दी और घृणा भी नहीं फैलाई। मैंने कभी अपने अकॉउंट या बहुत सारे अकॉउंट को किसी भी गलत कारण से प्रयोग नहीं किया। मैं ट्विटर की सीमाओं में रहकर अपने अकॉउंट को बढ़ा रहा था। मैं अपनी सामग्री के प्रति बहुत सजग था और इस बात का ख्याल रखता था कि मेरे ट्वीट से कोई आहत न हो। फिर भी मेरे अकॉउंंट को सस्पेंड कर दिया गया। समझ नहीं आ रहा क्या गलती हुई।

गौरतलब है कि ट्विटर अमूमन किसी भी अपील का रिप्लाई करने में 1 से 2 दिन लगाता है। ऐसे में यूजर प्लैटफॉर्म के एकतरफा रवैये को बेहद निराशजनक बताता है और कहता है कि यहाँ वामपंथियों के अकॉउंट को बनाए रखकर नफरत फैलाने की आजादी है लेकिन पॉपुर ट्विटर अकॉउंट्स जो वामपंथी विचारधारा का अनुसरण नहीं करते उन्हें उनके सामान्य ट्वीट के लिए सस्पेंड कर दिया जाता है।

बता दें कि हाल में पेरिस में एक शिक्षक ने क्लास के दौरान ‘शार्ली एब्दो’ अख़बार में प्रकाशित पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था, जिसके बाद उसका सिर कलम कर के उसकी हत्या कर दी गई। बाद में पुलिस ने भी हत्यारे को मार गिराया। उसने एक किचेन नाइफ का प्रयोग करते हुए शिक्षक का सिर कलम किया था। पुलिस ने जानकारी दी थी कि हत्यारा मॉस्को चेचन्या मूल का मुस्लिम था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया