रूसी हमले का अजब-गजब बदला ले रहे हैं यूक्रेनी: जिस लग्जरी याच पर था मैकेनिक, उसे ही की डूबोने की कोशिश

यूक्रेन के नाविक ने की रूसी बॉस की याच को डुबोने की कोशिश (फोटो साभार: nypost)

यूक्रेन के एक नाविक (sailor) को उसके रूसी बॉस की लग्जरी याच को डुबोने की कोशिश करने के आरोप में स्पेन में गिरफ्तार किया गया। अपने देश यूक्रेन पर हमले से नाराज एक 55 वर्षीय यूक्रेनी नाविक तारास ओस्तापचुक ने रूसी बॉस की लग्जरी याच को डुबोने की कोशिश की है। जिसकी कीमत 7.7 मिलियन डॉलर (58 करोड़ रुपए) बताई जा रही है। 

जिस लग्जरी याच को डूबोने की कोशिश की गई उसका नाम लेडी अनास्तासिया बताया जा रहा है। रूसी सैन्य हथियार कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के सीईओ अलेक्जेंडर मिजीव की है। यह रूस को जहाजों, टैंकों और लड़ाकू वाहनों का निर्यात करती है। 

बताया जा रहा है कि 55 वर्षीय तारास ओस्तापचुक ने रूस के युद्ध का विरोध करते हुए 156 फुट के लग्जरी याच के इंजन रूम में वाल्व खोलने की कोशिश की। इससे इंजन को काफी नुुकसान पहुँचा। जब अधिकारी ओस्तापचुक को गिरफ्तार करने पहुँचे, तो क्रू मेंबर ने कथित तौर पर कहा, “मेरा मालिक एक क्रिमिनल है जो यूक्रेन के लोगों को मारने वाला हथियार बेचता है।”

स्थानीय आउटलेट के अनुसार, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की खबर देखने के बाद ओस्तापचुक ने लग्जरी याच में तोड़फोड़ करने का सोचा। हैरानी की बात यह है कि यूक्रेन के नागरिक ने जज के सामने अपना जुर्म कबूल करते हुए कहा है कि उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। उसने अदालत में जज के सामने कहा, “मैंने युद्ध की खबरें देखीं। कीव में एक इमारत पर हेलीकॉप्टर हमले का एक वीडियो था। उपयोग किए जाने वाली युद्ध सामग्री याच मालिक की कंपनी में निर्मित किए जाते हैं। वे निर्दोषों पर हमला कर रहे थे।” उसने आगे कहा कि उसे अपने कार्यों पर पछतावा नहीं है और इसे फिर से करेगा।

10 साल तक मैकेनिक के रूप में याच पर काम करने वाले ओस्तापचुक को बाद में हिरासत से रिहा कर दिया गया। इसके बाद वह स्पेन छोड़ चुका है। वह लड़ाई में मदद करने के लिए अपने देश यूक्रेन लौटने वाला है। ओस्तापचुक ने स्थानीय आउटलेट को बताया, “मैं लड़ने जा रहा हूँ। जैसे ही मैं यूक्रेनी शहर में पहुँचूँगा, मैं सैन्य कमांडर की तलाश करूँगा और उससे पूछूँगा कि क्या उन्हें मेरी जरूरत है।”

वह कहता है, “मैंने खुद से कहा, अगर मेरे पास मेरा देश है तो मुझे नौकरी की ज़रूरत क्यों है। मेरे पास नाव पर एक हेड मैकेनिक के रूप में अच्छी नौकरी थी और अच्छी तनख्वाह थी लेकिन मैं अपने देश के लिए लड़ने जा रहा हूँ। मैं अपना देश खोने नहीं जा रहा हूँ। मैं हीरो नहीं हूँ। मैं एक अधेड़ उम्र का आदमी हूँ, लेकिन मेरे पास मैकेनिक के तौर पर काफी अनुभव है। मैंने कभी कोई हथियार नहीं रखा है, लेकिन यदि आवश्यक हो तो मैं करूँगा।”

गौरतलब है कि यूक्रेन के सबसे बड़े शहर खेरसोन (Kherson) पर रूस की सेना ने नियंत्रण कर लिया है। दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के आठवें दिन गुरुवार (3 मार्च 2022) को इसकी पुष्टि खेरसोन के मेयर इगोर कोल्यखेव ने भी की है। मेयर इहोर कोलिखैव ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट लिखकर निवासियों से रूसी सैनिकों के आदेशों का पालन करने के लिए कहा है। हालाँकि राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया