सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बने भारत: एलन मस्क की डिमांड को अमेरिका का समर्थन, कहा- UNSC में सुधार जरूरी

पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन (साभार:X)

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की लगातार माँग करता रहा है। साथ ही इसमें 5 स्थायी सदस्यों की संख्या में भी वृद्धि की माँग करता है। भारत UNSC में स्थायी सदस्यता की दावेदारी करता रहा है। अब X और टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने भी सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन किया था। अब अमेरिका ने बुधवार (17 अप्रैल 2024) को एलन मस्क का समर्थन किया है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद मेंभारत को स्थायी सीट नहीं मिलने पर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के सवाल पर पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने बुधवार (17 अप्रैल 2024) को जवाब दिया। वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र संस्थानों में सुधार के लिए समर्थन की पेशकश की है।

वेदांत पटेल ने कहा, “राष्ट्रपति (जो बाइडेन) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी टिप्पणियों में पहले भी इस बारे में बात की है और सचिव ने भी इसका संकेत दिया है। हम सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र में सुधारों का समर्थन करते हैं, ताकि इसे 21वीं सदी, जिसमें हम रहते हैं, उसको प्रतिबिंबित किया जा सके। हालाँकि, मेरे पास बताने के लिए कोई विशेष जानकारी नहीं है कि वे कदम क्या हैं।”

इस साल जनवरी की शुरुआत में एलन मस्क ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में भारत की अनुपस्थिति को ‘बेतुका’ बताया था। टेस्ला के सीईओ ने कहा था कि यूएनएससी की वर्तमान संरचना दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों का पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करती है और इसमें व्यापक बदलाव की जरूरत है।

उन्होंने अपने X पोस्ट में कहा था, “किसी बिंदु पर संयुक्त राष्ट्र निकायों में संशोधन की आवश्यकता है। समस्या यह है कि जिनके पास अधिक शक्ति है, वे इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं। सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत के पास सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट नहीं है। यह बेतुका है। अफ्रीका को भी सामूहिक रूप से एक सीट मिलनी चाहिए।”

एलन मस्क के पोस्ट का स्क्रीनशॉट

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में 15 सदस्य देश होते हैं। इनमें से पाँच सदस्य स्थायी होते हैं। ये स्थायी देश हैं- अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस। स्थायी सदस्यों के पास वीटो पावर होता है और वे किसी भी मुद्दे पर असहमति के बाद अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल कर उसे रोक सकते हैं। वहीं, बाकी 10 सदस्य अस्थायी होते हैं, जिन्हें दो साल के चुना जाता है।

सितंबर 2023 में नई दिल्ली में हुए G20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया था। पीएम मोदी और बाइडेन के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में स्थायी सदस्य के रूप में भारत के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की की गई थी।

भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के ‘संकल्प पत्र’ में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता हासिल करने की बता कही है। 14 अप्रैल 2024 को जारी अपने घोषणापत्र में भाजपा ने कहा, “हम वैश्विक निर्णय लेने में भारत की स्थिति को ऊपर उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया