मोदी सरकार फेसबुक को कंट्रोल कर रही, हैशटैग हटवा रही: विदेशी मीडिया की भ्रामक खबर को मिला जवाब

WSJ की भ्रामक खबर को मिला जवाब

भारत सरकार ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के उस दावे को शरारती प्रयास करार दिया है, जिसमें उसने कहा था कि भारत सरकार देश में सोशल मीडिया को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है। ट्विटर पर पोस्ट किए गए अपने संदेश में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट भ्रामक थी और इसका इरादा शरारतपूर्ण था।

WSJ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, सूचना और प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, “वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक स्टोरी जिसमें सार्वजनिक असंतोष पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा फेसबुक को कुछ खास हैशटैग हटाने के लिए कहने की कोशिश की गई है, वह तथ्यों में भ्रामक है और इरादे में शरारतीपूर्ण है। सरकार ने इस हैशटैग को हटाने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किया है। फेसबुक ने यह भी स्पष्ट किया है कि इसे गलती से हटा दिया गया था।”

https://twitter.com/GoI_MeitY/status/1387668494167117828?ref_src=twsrc%5Etfw

सरकार ने आगे एक राष्ट्र के रूप में महामारी से सामूहिक लड़ाई के लिए मीडिया हाउसों और करोड़ों आम भारतीयों को साथ मिलकर चलने की जरूरत है। अपने अगले ट्वीट में सूचना और प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, ”हमारे फ्रंट-लाइन वर्कर्स और चिकित्सा पेशेवरों के प्रयासों के लिए एक ताकत के रूप में कार्य करने में मीडिया की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। इस तरह के संवेदनशील समय में, हम मीडिया से करोड़ों आम भारतीयों के साथ भागीदारी करने का आग्रह करते हैं ताकि हम महामारी से सामूहिक रूप से लड़ सकें।”

https://twitter.com/GoI_MeitY/status/1387668499242184705?ref_src=twsrc%5Etfw

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा कि सरकार ने ब्लॉक करवाया हैशटैग

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 28 अप्रैल की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत सरकार ने हैशटैग ब्लॉक करवा दिया था। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा कि फेसबुक ने अस्थायी रूप से एक हैशटैग को ब्लॉक कर दिया था, जिसमें लोगों ने पीएम मोदी से इस्तीफा देने की माँग की थी। बाद में हैशटैग फिर से बहाल कर दिया गया। WSJ ने लिखा, “#ResignModi हैशटैग को फेसबुक पर कई घंटों के लिए ब्लॉक कर दिया गया था, जो कि गहराते कोविड-19 संकट के बीच भारत की प्रतिक्रिया पर सार्वजनिक असंतोष को रोकने का सरकार का प्रयास था।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले मोदी सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, फेसबुक, गूगल आदि से इस कटेंट को हटाने के लिए कहा था।

विवाद पर फेसबुक का स्पष्टीकरण

इस विवाद पर फेसबुक के नीति संचार निदेशक एंडी स्टोन ने एक ट्वीट के जरिए जवाब दिया और कहा, “हमने अस्थायी रूप से गलती से इस हैशटैग को ब्लॉक कर दिया, इसलिए नहीं कि भारत सरकार ने हमसे ऐसा करने को कहा था, और इसे बहाल कर दिया गया है।”

फेसबुक के नीति संचार निदेशक का जवाब

फेसबुक ने इस ट्वीट के जरिए साफ कर दिया कि उसके प्लेटफॉर्म पर ब्लॉक उस हैशटैग से भारत सरकार का कोई लेनादेना नहीं था। लेकिन कुछ मीडिया हाउस ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट को उठाया और इसे भारत सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा के रूप में चलाया।

भारत सरकार के खिलाफ WSJ की मार्च 2021 की रिपोर्ट

यह पहली बार नहीं है, जब वॉल स्ट्रीट जर्नल ने भारत सरकार के खिलाफ ऐसी भ्रामक खबर प्रकाशित की है। इससे पहले मार्च 2021 में भी, WSJ ने “भारत ने फेसबुक, वॉट्सऐप और ट्विटर के कर्मचारियों को दी जेल भेजने की धमकी” शीर्षक के साथ एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। सूचना और प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने उस रिपोर्ट को भी इंगित किया और कहा कि यह भी फर्जी खबर थी। मंत्रालय ने कहा, “यह उल्लेख करना उचित है कि 5 मार्च, 2021 को, वॉल स्ट्रीट जर्नल ने शीर्षक- “भारत ने फेसबुक, वॉट्सऐप और ट्विटर के कर्मचारियों को दी जेल भेजने की धमकी” के साथ एक फर्जी खबर प्रकाशित की थी। सरकार ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को इस पूरी तरह से नकली और निर्मित कहानी का आधिकारिक खंडन भेजा था।”

https://twitter.com/GoI_MeitY/status/1387668496927006725?ref_src=twsrc%5Etfw

सरकार ने पहले भी WSJ की भ्रामक खबर का किया था खंडन

ऑपइंडिया के हाथ भारत सरकार द्वारा WSJ को भेजा वह खत है, जिसमें भारत सरकार ने WSJ को लिखा था, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा कि उपरोक्त लेख केवल तथ्यात्मक रूप से गलत नहीं बल्कि भ्रामक भी था। उन्होंने कहा कि सरकारी ने किसी भी संवाद के जरिए, न तो लिखित या मौखिक, कभी भी इन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के कर्मचारियों को जेल भेजने के लिए धमकी नहीं दी है।

उन्होंने कहा, “इसलिए, गहरे अफसोस के साथ, मैं यह कहना चाहता हूँ कि वॉल स्ट्रीट जर्नल की कल्पना किसी भी तथ्य से परे है और दुनिया की सबसे बड़ी खुली इंटरनेट अर्थव्यवस्था को बदनाम करने का प्रयास है जो इंटरनेट की सार्वभौमिक, आसान और सस्ती उपलब्धता और भारतीयों की अभिनव भावना के कारण संपन्न है।”

भारत सरकार ने संसद में जवाब देते हुए कहा कि ट्विटर पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं था, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना होगा। “अगर कुछ लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आतंकवाद, हिंसा, आतंकवाद के कारणों, चाइल्ड पोर्नोग्राफी और अवैध गतिविधियों की एक पूरी श्रृंखला का दुरुपयोग करते हैं, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जिम्मेदार माना जाएगा।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया