‘सिख दिख रहे 6 हमलावर आए, खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या कर चले गए’: रिपोर्ट से कनाडा की पोल खुली, CCTV फुटेज में घेरकर गोली मारते दिखे

खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में सिख गेटअप में दिखे हमलावर (साभार- AFP)

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की प्लानिंग बड़े स्तर पर की गई थी। इसमें कम से कम 6 लोग और दो कारें शामिल थीं। हत्यारे सिखों जैसी भेषभूषा में थे जिन्होंने मात्र 90 सेकंड में 34 गोलियाँ निज्जर के शरीर में उतार दीं। 18 जून, 2022 को सरे में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में वाशिंगटन पोस्ट की इस रिपोर्ट से कनाडा द्वारा भारत पर लगाए जा रहे आरोपों और जाँच पर सवाल खड़ा हो गया है। वहीं वाशिंगटन पोस्ट की इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में यह भी दावा है कि हत्या के 20 मिनट बाद पहुँची पुलिस टीमों के बीच जाँच को लेकर विवाद भी हुआ था। 

दरअसल, वाशिंगटन पोस्ट ने 90 सेकंड की CCTV रिकॉर्डिंग के आधार पर बड़ा खुलासा किया है। जिसे गुरुद्वारा के सुरक्षा कैमरे ने कैद किया था। जिससे हत्या पूरी तरह से योजनाबद्ध नजर आ रही है। रिपोर्ट में निज्जर की हत्या की घटनाओं में पंजाब और कनाडा दोनों जगहों पर सामूहिक हिंसा के मामलों में हत्या का एक समान पैटर्न देखा गया है। वाशिंगटन पोस्ट में अपने रिपोर्ट में सीसीटीवी फुटेज और घटना के वक्त आस-पास मौजूद लोगों के इंटरव्यू के आधार पर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। 

द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, निज्जर का ग्रे रंग का पिकअप ट्रक पार्किंग स्थल से बाहर निकलता हुआ दिखाई दे रहा है। बगल में एक सफेद सेडान दिखाई देती है  वहीं आगे एक दूसरी कार भी नजर आती है। आरोपितों ने 2 कारों से निज्जर के पिकअप ट्रक का पीछा किया था। निज्जर ने जब अपने ट्रक की स्पीड बढ़ाई तो हत्यारों ने भी तेजी से उसका पीछा करना जारी रखा। थोड़ी देर में एक सिल्वर कलर की टोयोटा कैमरी कार ट्रक के सामने आ जाती है। इस पर निज्जर ने ट्रक रोक दिया। तुरंत ही कार से 2 लोग काली स्वेटशर्ट पहनकर बाहर निकले। उन्होंने निज्जर पर कई राउंड फायर किए और फिर कार में बैठकर फरार हो गए।

निज्जर को लगी 34 गोलियाँ

रिपोर्ट में यह दावा है कि हत्यारों ने लगभग 50 गोलियाँ चलाईं थीं। इसमें से निज्जर को 34 गोलियाँ लगी। जब यह सब हुआ तब पास में ही गुरुद्वारे के स्वयंसेवक भूपिंदरजीत सिंह पार्क में फुटबॉल खेल रहे थे। पहले उसने पटाखों की आवाज सुनकर नजरअंदाज किया लेकिन जब काफी देर तक आवाजें आती रहीं तो उसे शक हुआ।

जैसे ही वह भागकर घटनास्थल पर पहुँचा और ट्रक में ड्राइवर साइड का दरवाजा खोला तो अंदर निज्जर खून से लथपथ नजर आया और इतनी ही देर में उसकी मौत हो चुकी थीं। 

हुडी पहने सिख गेटअप में भागते दिखे हत्यारे

रिपोर्ट में घटना के दूसरे चश्मदीद और गुरुद्वारा समिति के सदस्य मलकीत सिंह ने वॉशिंगटन पोस्ट को बताया कि उसने दो काली हुडी पहने लोगों को भागते देखा। उन्होंने उनका पीछा भी किया। वे दोनों पार्क के बाहर एक पुलिया की ओर भागे और वहाँ मौजूद एक सिल्वर कार में बैठकर भाग गए। उस कार में पहले से ही 3-4 लोग मौजूद थे। मलकीत सिंह ने बताया कि गोली चलाने वाले दोनों हत्यारों ने छोटी पगड़ी जिसे पग कहा जाता है, वो पहनी थी। उसे हुड से ढका हुआ था। हत्यारों ने चेहरे पर भी काला मास्क लगाया हुआ था। 

20 मिनट में पहुँची पुलिस में भी जाँच को लेकर हुई बहस

निज्जर की हत्या के गवाहों ने वॉशिंगटन पोस्ट को बताया कि सूचना देने के बाद कनाडा पुलिस को घटनास्थल पर आने में करीब 20 मिनट का समय लगा था। वहीं लोगों ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि पुलिस के पहुँचने में इतना समय लगना थोड़ा चौंकाने वाला था क्योंकि आमतौर पर पुलिस उस इलाके में ही गश्त करती रहती है।

कहा जा रहा है कि इसके बाद काफी देर तक सरे की पुलिस और रॉयल कनाडाई माउंटेड पुलिस (RCMP) में इस बात को लेकर विवाद होता रहा कि मामले की जाँच कौन करेगा। वहीं हत्या के करीब एक महीने बाद 21 जुलाई को अधिकारियों ने लोगों से आरोपितों की पहचान करने में मदद माँगी थी। इसके साथ ही कनाडा पपुलिस की जाँच को लेकर इस वजह से भी सवाल उठ रहे हैं कि हत्या के रास्ते में आने वाले मकानों और लोगों से किसी भी जाँच अधिकारी ने संपर्क नहीं किया और अपनी रिपोर्ट में सीधे निष्कर्ष तक पहुँच गई। 

वहीं इस मामले में निज्जर के बेटे ने वॉशिंगटन पोस्ट को बताया कि उसके पिता और सिख समुदाय के दूसरे लोगों को पहले से हमले की आशंका थी। इसी की वजह से निज्जर एक बुलेट प्रूफ कार लेना चाहता था। हालाँकि, ब्रिटिश कोलंबिया में इसकी इजाजत नहीं दी गई। 

आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह बना कनाडा

गौरतलब है कि भारत के मोस्ट वांटेड इनामी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत पर आरोप लगाकर इंटरनेशल स्तर पर सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहा कनाडा आतंकियों-गैंगस्टरों की सुरक्षित पनाहगार बना हुआ है। जहाँ पहले आतंकी-गैंगस्टर भारत में हमला करने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भागते थे, वहीं अब फर्जी दस्तावेजों के दम पर सीधे कनाडा भाग रहे हैं।

बता दें कि कनाडा में बैठे भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों और गैंगस्टरों के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने पिछले 10 सालों में 26 बार रिक्वेस्ट भेजी है, लेकिन कनाडा ने भारत की एक भी रिक्वेस्ट पर गौर नहीं किया। कनाडा की खालिस्तानियों की ही पार्टी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) से समर्थन प्राप्त जस्टिन ट्रूडो सरकार, खालिस्तानियों के प्रभाव में इतनी है कि उसने प्रत्यर्पण को लेकर भारत की एजेंसियों से चर्चा तक नहीं की।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया