पाकिस्तान में मुस्लिम भीड़ ने विकलांग मलंग जान को ज़िंदा जलाया, बकरी चोरी का आरोप: माँ को भी आग में धकेला

प्रतीकात्मक तस्वीर

पाकिस्तान के चारसड्डा जिले से मलंग जान नाम के विकलांग व्यक्ति को मामूली विवाद के बाद मुस्लिम भीड़ द्वारा जलाकर मार देने की घटना सामने आई है। इस मामले में शनिवार को व्हीलचेयर वाले व्यक्ति (मलंग) को जिंदा जलाने के आरोप में करीब 13-14 लोगों को गिरफ्तार किया। जिस मलंग जान को कट्टरपंथियों की भीड़ जिंदा जला दिया गया उस पर शुक्रवार देर रात एक बकरी की कथित चोरी को लेकर एक लड़के की हत्या करने का संदेह था।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना चारसड्डा जिले के शहर थाना क्षेत्र के पलाढेरी इलाके की है। जिंदा जलाए गए मलंग जान उर्फ सुलेमान ने शाहसवर नाम के व्यक्ति की हत्या की थी और इसी के विरोध में इस्लामियों की भीड़ ने विकलांग संदिग्ध के घर पर हमला कर दिया। उन्होंने उसके घर की दीवार को तोड़ दिया और उसमें आग लगा दी। इसके बाद व्हीलचेयर वाले व्यक्ति मलंग जान को उन्होंने जिंदा जला दिया। इस बीच उसे बचाने आई उसकी माँ भी गंभीर रूप से घायल हो गई।

फिलहाल दंगाइयों द्वारा व्हीलचेयर वाले व्यक्ति को घर की छत से आग में झोंकने का वीडियो भी वायरल हो गया है। वीडियो में जलते हुए घर के चारों ओर कट्टरपंथियों की भीड़ को नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। इस घटना को लेकर चारसड्डा के जिला पुलिस अधिकारी आसिफ बहादर ने कहा कि व्हीलचेयर पर सवार मारे गए संदिग्ध की पहचान सुलेमान उर्फ ​​मलंग जान के रूप में हुई है, जिसने 22 साल के शाहसवर की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

मलंग जान को छेड़ता था शाहसवर

इस मामले में मलंग जान की माँ ने पुलिस को बताया कि शाहसवर उसके बेटे से छेड़छाड़ करता था। शुक्रवार को उसके बेटे का शाहसवर के साथ झगड़ा हुआ था। बाद में उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद रात में ही अजमल, बख्तियार, सिराज और अन्य लोगों ने उनके घर को घेर लिया और उसकी चारदीवारी को गिरा दिया। मृतक मलंग की माँ के मुताबिक, उसने अपनी बेटी और व्हीलचेयर से चलने वाले बेटे के साथ घर के फर्श पर छिप गई, लेकिन दंगाइयों ने उसे ढूँढ लिया और विकलांग बेटे को आग में झोंक दिया। उसने कहा कि दंगाइयों ने भी उसे आग में धकेल दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई।

एसएचओ सिटी थाना बेहरमंद शाह ने कहा कि जब उन्होंने घिरे परिवार को बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उन पर लाठियों और पत्थरों से भी हमला किया, जिससे वह और अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, इन सब के बावजूद वो महिला को बचाया और उसके बेटे के शव को आग से बाहर निकालने में सफल रहे।

इस केस में पुलिस ने अनीस, सईदुल्ला, वसीमुल्ला, सावर, सिराज, कलीम, इरफान, इंतिखाब, तल्हा, नियाजुल्ला और अन्य के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302, 324, 436, 427, 148 और 149 और आतंकवाद विरोधी अधिनयम 1997 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा पुलिस ने जिंदा जलाए गए मलंग जान के खिलाफ शाहसावर की हत्या के लिए एक और प्राथमिकी दर्ज की।

पुलिस के मुताबिक, मलंग जान ने पिता के कहने पर ही उसने युवक पर गोली चला दी। इसमें कहा गया है कि कभी-कभी अज्ञात लोगों द्वारा मलंग जान की बकरी चुरा ली जाती थी और वे चोरी के लिए शाहसावर पर शक कर रहे थे। हालाँकि, बाद में हत्या के आरोप में पकड़े गए 13 संदिग्धों के परिवार के लोग शाहसवर के शव को फारूक आजम चौक ले गए और उनकी तत्काल रिहाई की माँग को लेकर धरना दिया। बाद में प्रांतीय कानून मंत्री फजल शकूर खान और धार्मिक विद्वान मुफ्ती अब्दुल्ला शाह ने निष्पक्ष जाँच का आश्वासन दे धरना खत्म कराया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया