लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग, तोड़ा 40 साल पुराना नियम: जनता ने विरोध किया तो दूतावास को जेल बनाकर कुचली आवाज

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फोटो साभार: अमर उजाला)

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के 20वें अधिवेशन के समापन के बाद रविवार (22 अक्टूबर 2022) को शी जिनपिंग (Xi Jinping) को एक बार फिर राष्ट्रपति चुन लिया गया। इससे पहले उन्हें बंद कमरे में हुई वोटिंग में लगातार तीसरी बार पार्टी का महासचिव चुना गया।

बता दें कि चीन में इस पद पर चुने जाने वाला नेता ही देश का राष्ट्रपति होता है। इसके साथ ही वह चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का कमांडर भी बन गए हैं। इस तरह साल शी जिनपिंग 1949 में पार्टी की स्थापना करने वाले माओत्से तुंग के बाद सबसे अधिक समय तक इस पद पर रहने वाले नेता बन गए है।

शीन जिनपिंग को इस अधिवेशन में कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग का अध्यक्ष भी नामित किया गया था। इसके बाद वह चीन की सेना के प्रमुख भी बन गए हैं। पार्टी के महासचिव पद पर उन्हें अगले पाँच सालों के चुना गया है।

शी जिनपिंग ने चीन के नेता के रूप में ऐतिहासिक तीसरा कार्यकाल हासिल करने के बाद उन्होंने ‘कठिन परिश्रम से काम’ करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, “आपने हम पर जो भरोसा जताया है, उसके लिए मैं पूरी पार्टी का दिल की गहराइयों से धन्यवाद देता हूँ। हमारे लोगों लोगों ने जिस तरह से मुझ पर विश्वास जताया, उसको साबित करने के लिए अपने कर्तव्यों का पूरे लगन से पालन करूँगा।”

जिनपिंग के तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने के साथ ही पार्टी का लगभग चार दशक पुराना नियम टूट गया। पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग लगभग तीन दशक तक पार्टी प्रमुख थे। इसके बाद साल 1980 में इस सर्वोच्च पद के लिए अधिकतम 10 साल के कार्यकाल का नियम बनाया गया था।

बता देें कि अधिवेशन के दौरान चीन के राष्ट्रपति रह चुके 80 वर्षीय हू जिंताओ को जबरन मीटिंग से निकाल दिया गया था। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बगल में बैठे हू जिंताओ को दो सुरक्षाकर्मियों ने कुर्सी से उठाया और मीटिंग हॉल से बाहर ले गए। इसका वीडियो भी सामने आया था।

वीडियो में दिख रहा है कि हू जिंताओ इस दौरान शी जिनपिंग से कुछ कहते नजर आए। इस दौरान वे वापस कुर्सी पर बैठने की कोशिश भी किए, लेकिन दो मार्शल उनकी बाँह में हाथ डालकर बाहर लेकर चले गए।

इसके अलावा, शी जिनपिंग ने चीन के पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले प्रधानमंत्री ली केकियांग को भी पार्टी के वरिष्ठ पद से हटा दिया है। उनके साथ-साथ तीन और शीर्ष नेताओं को हटाया गया है। अब ये चारों नेताओं को दोबारा कम्युनिस्ट पार्टी के सबसे ताकतवर पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य के रूप में दोबारा नियुक्त नहीं किया है और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। 

पार्टी में पोलित ब्यूरो के 25 सदस्य और स्टैंडिंग कमेटी के 7 सदस्यों की वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई है। ये लोग कौन होंगे, इसका ऐलान आज हो सकता है। CCP की नई टीम से जिनपिंग ने अपने सारे विरोधियों को हटा दिया है। माना जा रहा है कि उन्होंने अपने भरोसेमंद लोगों को इसमें शामिल किया है। इससे उनके आजीवन राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि चीन का तीसरी बार राष्ट्रपति बनने से पहले शी जिनपिंग को जनता का काफी विरोध झेलना पड़ा। उनके खिलाफ पोस्टर लगे, नारेबाजी हुई। लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी ने सबकी आवाजें दबाने के लिए दूतावासों को ही जेल में बदल दिया और उन लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी जो उनके विरोध में बोल रहे थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया