घर के बाहर कर दी गई थी अवधेश राय की हत्या, 32 साल बाद मुख्तार अंसारी को उम्रकैद: ₹1 लाख जुर्माना भी, सजा कम करने के लिए गिड़गिड़ाता रहा माफिया

मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)

32 साल पुराने अवधेश राय मर्डर केस में माफिया मुख्तार अंसारी को आज (5 जून 2023) वाराणसी की एमपी-एमएलए अदालत ने दोषी करार दिया। इस केस में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने माफिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही उस पर एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया। एक अन्य धारा के तहत कोर्ट ने उसपर अलग से 20 हजार रुपए का फाइन ठोंका है। अगर मुख्तार ये राशि नहीं जमा कराता तो उसके ऊपर 6 महीने की और सजा मिलेगी।

जानकारी के अनुसार, मुख्तार की सजा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुकर्रर हुई। इस दौरान उसने खुद को बेगुनाह बताया और अपनी उम्र का हवाला देकर कम सजा देने की अपील की।

मालूम हो कि गैंग्सटर मुख्तार के ऊपर 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इनमें उसे चार मामलों में सजा मिली है। अवधेश हत्याकांड में मिली सजा उसके लिए अब तक की सबसे बड़ी सजा मिली है।

उल्लेखनीय है कि अवधेश राय की हत्या का मामला 32 साल पुराना है। वाराणसी के चेतगंज थाना इलाके के लहुराबीर इलाके में 3 अगस्त 1991 की सुबह अवधेश को मारा गया था। घटना के वक्त अवधेश अपने छोटे भाई के घर के बाहर खड़े थे। तभी, वहाँ एक मारूती वैन आई और उन पर ताबड़तोड़ गोलियाँ चलाईं गईं थी।

घटना के बाद पूर्व विधायक अजय राय ने चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, कमलेश सिंह, राकेश के साथ पूर्व एमएलए अब्दुल कलाम पर एफआईआर दर्ज कराई थी। इन पाँच आरोपितों में से अब्दुल और कमलेश की मौत हो चुकी है।

वहीं अवधेश के छोटे भाई अजय आज के समय में कॉन्ग्रेस नेता हैं। इस फैसले के आने से पहले अजय राय ने कहा, “32 साल का इंतजार आज खत्म हो रहा है। उन्हें उम्मीद है कि उनको न्याय मिलेगा।”

उल्लेखनीय है कि इससे पहले साल 2022 में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गाजीपुर की अदालत ने 10 साल कारावास की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। कुल मामलों की सुनवाई में कॉन्स्टेबल रघुवंश सिंह और गाजीपुर के ASP सहित कई लोगों की हत्या शामिल थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया