‘दार्जिलिंग चाय या गोमूत्र?’: ABP के पत्रकार ने पूर्व जज के इंटरव्यू के दौरान कसा तंज, संदेशखाली को लेकर बंगाल सरकार ने सुमन पर दर्ज किया है FIR

पूर्व जज गंगोपाध्याय और पत्रकार सुमन (साभार: ABP/Youtube)

एबीपी आनंद के पत्रकार सुमन डे ने गुरुवार (7 मार्च 2024) को कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ एक साक्षात्कार के दौरान हिंदूफोबिक गौमूत्र पर कटाक्ष किया। इसको लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। लगभग 50 मिनट के इंटरव्यू के दौरान पत्रकार सुमन डे ने उनसे ‘दार्जिलिंग चाय’ और ‘गोमूत्र’ के बीच चुनाव करने के लिए कहा।

कार्यक्रम के दौरान लगभग 46:18 मिनट पर पत्रकार सुमन डे ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ रैपिड-फायर राउंड आयोजित किया। इस दौरान उनसे सुमन डे ने शरारती मुस्कान के साथ पूछा, “दार्जिलिंग चाय या गौमूत्र?” इस पत्रकार को हिंदू-विरोधी टिप्पणी करने में कोई हिचकिचाहट नहीं हुई। वह साक्षात्कार के दौरान इस बारे में मुस्कुराते हुए देखे गए।

ध्यान देने वाली बात है कि ‘गौमूत्र’ तंज को इस्लामी कट्टरपंथियों और उनके समर्थकों द्वारा हिंदुओं के खिलाफ नस्लवादी एवं अपमानजनक गाली के रूप में प्राय: इस्तेमाल किया जाता है। साल 2019 में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने आत्मघाती हमले में कश्मीर के पुलवामा में 40 CRPF जवानों को मार डाला।

हमले के बाद आतंकी संगठन ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें एक आतंकवादी ने था कि वह अल्लाह के नाम पर ‘गोमूत्र पीने वालों’ को दंडित करना और मारना चाहता था। आतंकवादी की पहचान आदिल अहमद डार के रूप में हुई। वीडियो में उसने भारतीयों को गाय का पेशाब पीने वाला कहा था।

यहाँ तक कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा, शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे और डीएमके राजनेता डीएनवी सेंथिलकुमार ने अतीत में भाजपा के साथ राजनीतिक हिसाब बराबर करने के लिए गौमूत्र पर कटाक्ष किया है। इस श्रेणी में अब एबीपी आनंद के पत्राकर सुमन डे भी आ गए हैं।

हाल ही में एबीपी आनंद के पत्रकार सुमन डे पर पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली गाँव में रिपोर्टिंग करने को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। यह मामला इस साल 17 फरवरी को संदेशखाली पुलिस उप-निरीक्षक मोहम्मद मोनैम हसन की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था।

अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था, “मेरे संज्ञान में आया कि 12.02.24 को सुमन डे द्वारा होस्ट किए गए ‘घंटा खानेक संगे सुमन’ के एक एपिसोड में यह बार-बार उल्लेख किया गया था कि दो गिरफ्तार लोगों- सुशांत सरदार उर्फ ​​उत्तम सरदार और बिकास सिंह को संदेशखेल पुलिस ने बशीरहाट कोर्ट में दोनों व्यक्तियों के लिए पुलिस हिरासत की माँग नहीं की थी।”

हसन ने दावा किया था, “तथ्य यह है कि संबंधित मामले के जाँच अधिकारी ने दो गिरफ्तार लोगों को आगे बढ़ाते हुए एलडी को एक प्रार्थना पत्र सौंपा था। अदालत से दोनों गिरफ्तार आरोपियों के लिए 10 दिन की पुलिस हिरासत की माँग की।” सुमन पर IPC की धारा 153 (उकसावे) और 505 (सार्वजनिक उत्पात फैलाने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया